Bikanervala: जब भी आपको भुजिया खाने का मन करता है, तो सबसे पहले आपके दिमाग में बीकानेरवाला का स्वाद जरूर आता होगा। जी हां, बीकानेर वाला सिर्फ एक कंपनी ही नहीं बल्कि इमोशन है। आज इसी इमोशन को बनाने वाले काका जी यानी बीकानेर वाला के मालिक केदारनाथ अग्रवाल जी नहीं रहे। उन्होंने 86 साल की उम्र अंतिम सांस ली। इसके बारे में बीकानेर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके जानकारी दी। आज हम उन्हे काका जी के कुछ किस्सों के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने एक गली से लेकर भारत के साथ-साथ पूरे विदेश में नाम कमाया।
1905 में खोली पहली दुकान
काका जी ने 1905 में बीकानेर में अपनी दुकान शुरू की थी, जो वह अपने घर के पास ही भुजिया बेचा करते थे। लेकिन काका जी के दिमाग में कुछ और ही प्लान था। उन्होंने 1930 में दिल्ली जाकर अपने भाई के साथ बाल्टी में भुजिया रखकर बेचना शुरू किया। अपने जबरदस्त स्वाद के चलते दोनों ही भाई बहुत जल्दी ही अपनी भुजिया के लिए फेमस हो गए। इसके बाद चांदनी चौक में ही काका जी ने एक छोटी सी दुकान शुरू की और वहां से लेकर अमेरिका, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड का रास्ता तय हुआ।
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2300 करोड़ की कंपनी बना दी
भुजिया से ये सफर शुरू हुआ था, लेकिन आज के समय में बीकानेर वाला अपनी मिठाई और नमकीन के लिए फेमस है। कंपनी की तरफ से काका जी को श्रद्धांजलि एक पोस्ट के जरिए दी, जिसमें लिखा कि, 'आज एक युग का अंत हो गया। काका जी ने जो सपने देखे थे वह पूरे किए और साथ में उन करोड़ों भारतीयों को भी वह स्वाद दे गए जो शायद ही कभी मिल पाता'।