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Banking Sector Big News! अब मिनिमम बैलेंस न रखने पर भी नहीं लगेगा कोई चार्ज? SBI समेत सभी बैंक ग्राहकों के लिए गुड न्यूज

Banking Sector Big News: ‘नाजाने किस बात के रुपये मेरे बैंक वालों ने अकाउंट से काट लिए’, ऐसा अक्सर यारों-दोस्तों को कहते सुना जा सकता है। इसमें एक वजह अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखना भी हो सकता है, जिस कारण बैंक आपपर चार्ज लगाता रहता है। बहुत से खाते होते हैं, जिनमें मिनिमम बैलेंस […]

Banking Sector Big News: 'नाजाने किस बात के रुपये मेरे बैंक वालों ने अकाउंट से काट लिए', ऐसा अक्सर यारों-दोस्तों को कहते सुना जा सकता है। इसमें एक वजह अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखना भी हो सकता है, जिस कारण बैंक आपपर चार्ज लगाता रहता है। बहुत से खाते होते हैं, जिनमें मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी नहीं होता, लेकिन कई बैंक बहुत ज्यादा बैलेंस रखने की लिमिट देते हैं। ऐसे में उसको न बनाए रखना आप के लिए महंगा सौदा हो सकता है। हालांकि, क्या मिनिमम बैलेंस न होने पर भी कोई चार्ज आप पर न लगे तो यह कैसा विचार होगा? इस बात को लेकर एक बयान बहुत सुर्खियां बटौर रहा है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भगवंत किशनराव कराड ने बुधवार को दिया। अभी पढ़ें Aadhar Card: पहचान प्रमाण के रूप में आधार का उपयोग करने पर सरकार ने राज्यों को जारी किए निर्देश, पढ़ें- एडवाइजरी

बैंक जुर्माना माफ करने का फैसला ले सकते हैं: कराड

कराड ने बुधवार को कहा कि अलग-अलग बैंकों के बोर्ड खातों पर जुर्माना माफ करने का फैसला कर सकते हैं, जो न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने को लेकर लगाया जाता रहा है। कराड ने संवाददाताओं से कहा, 'बैंक स्वतंत्र निकाय हैं। उनके बोर्ड हैं जो जुर्माना माफ करने का फैसला ले सकते हैं।' दरअसल यह जवाब तब आया, जब मंत्री एक सवाल पर बात कर रहे थे। उनसे पूछा गया था कि क्या केंद्र बैंकों को उन खातों पर कोई जुर्माना नहीं लगाने का निर्देश देने पर विचार करेगा जहां शेष राशि निर्धारित न्यूनतम स्तर से नीचे आती है। बता दें कि कराड केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न वित्तीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर थे।

कश्मीर के बैंकों पर एक नजर

मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बैंकों ने पिछले वर्षों में अच्छा काम किया है और उन्हें निर्देश दिया कि वे उन मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार करें जहां वे राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं। वे बोले, 'मैंने जम्मू और कश्मीर में बैंकों से कहा है कि जन धन योजना खातों के प्रतिशत को राष्ट्रीय औसत के करीब लाने के लिए शनिवार शिविर आयोजित करें।' राष्ट्रीय औसत जहां प्रति लाख जनसंख्या पर 49,135 है, वहीं जम्मू और कश्मीर में यह संख्या 21,252 प्रति लाख है।' कराड ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में कर्ज-जमा अनुपात 58 फीसदी है और मैंने उनसे इसे बढ़ाने को कहा है।' हालांकि, मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कठिन भूभाग के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां बैंक संचार न हो। उन्होंने कहा, 'जम्मू और कश्मीर के सभी गांवों के पांच किलोमीटर के दायरे में एक बैंक संवाददाता है।' मंत्री ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के बैंकों से जम्मू-कश्मीर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने को कहा है। अभी पढ़ें Driving License: गुड न्यूज! अब घर बैठे DL बनवाएं, RTO ये 58 काम अब ऑनलाइन ही हो जाएंगे, चेक करें

बैंक शाखाओं और एटीएम की संख्या अधिक

कराड ने कहा कि जहां जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक एक लाख की आबादी पर बैंक शाखाओं और एटीएम की संख्या अधिक है, वहां अधिक शाखाएं और एटीएम खोलने की आवश्यकता है क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश में देश के बाकी हिस्सों की तुलना में जनसंख्या घनत्व कम है। उन्होंने कहा, 'बैंकों ने मार्च 2023 तक 20 नई शाखाएं खोलने का वादा किया है। इनमें से चार शाखाएं आज खोली गईं जबकि तीन नए एटीएम का भी उद्घाटन किया गया।' अभी पढ़ें  बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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