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Vishnu Sahastranaam Path: कार्तिक मास में जरूर करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, भगवान विष्णु का मिलेगा आशीर्वाद

Vishnu Sahastranaam Path: कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से होती है। मान्यता है कि जो जातक इस मास में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करता है, उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए इस खबर में जानते हैं विष्णु सहस्त्रनाम पाठ और इसके महत्व के बारे में।

Vishnu Sahastranaam Path
Vishnu Sahastranaam Path: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का अधिक महत्व माना गया है, क्योंकि कार्तिक माह में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। कार्तिक मास चातुर्मास का अंतिम महीना होता है। साथ ही इस माह में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के साथ उनके प्रिय स्रोत का पाठ करना चाहिए। जो जातक भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि विष्णु जी का प्रिय स्तोत्र कौन सा है और उसका क्या महत्व है। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। यह भी पढ़ें- सोमवार की रात जरूर करें 5 चमत्कारी उपाय, चंद्र दोष और आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः । अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो-अमरप्रभुः । विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः ।। अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः । प्रभूतः त्रिककुब-धाम पवित्रं मंगलं परं ।। ईशानः प्राणदः प्राणो ज्येष्ठः श्रेष्ठः प्रजापतिः । हिरण्य-गर्भो भू-गर्भो माधवो मधुसूदनः ।। ईश्वरो विक्रमी धन्वी मेधावी विक्रमः क्रमः । अनुत्तमो दुराधर्षः कृतज्ञः कृति: आत्मवान ।। सुरेशः शरणं शर्म विश्व-रेताः प्रजा-भवः । अहः संवत्सरो व्यालः प्रत्ययः सर्वदर्शनः ।। अजः सर्वेश्वरः सिद्धः सिद्धिः सर्वादि: अच्युतः । वृषाकपि: अमेयात्मा सर्व-योग-विनिःसृतः ।। वसु:वसुमनाः सत्यः समात्मा संमितः समः । अमोघः पुण्डरीकाक्षो वृषकर्मा वृषाकृतिः ।। रुद्रो बहु-शिरा बभ्रु: विश्वयोनिः शुचि-श्रवाः । अमृतः शाश्वतः स्थाणु: वरारोहो महातपाः ।। यह भी पढ़ें- आज 9 राशि के जातकों पर भगवान शिव बरसाएंगे अपनी कृपा, कारोबार में शुरू होगा गोल्डन टाइम सर्वगः सर्वविद्-भानु:विष्वक-सेनो जनार्दनः । वेदो वेदविद-अव्यंगो वेदांगो वेदवित् कविः ।। लोकाध्यक्षः सुराध्यक्षो धर्माध्यक्षः कृता-कृतः । चतुरात्मा चतुर्व्यूह:-चतुर्दंष्ट्र:-चतुर्भुजः ।। भ्राजिष्णु भोजनं भोक्ता सहिष्णु: जगदादिजः । अनघो विजयो जेता विश्वयोनिः पुनर्वसुः ।। उपेंद्रो वामनः प्रांशु: अमोघः शुचि: ऊर्जितः । अतींद्रः संग्रहः सर्गो धृतात्मा नियमो यमः ।। वेद्यो वैद्यः सदायोगी वीरहा माधवो मधुः। अति-इंद्रियो महामायो महोत्साहो महाबलः ।। महाबुद्धि: महा-वीर्यो महा-शक्ति: महा-द्युतिः। अनिर्देश्य-वपुः श्रीमान अमेयात्मा महाद्रि-धृक ।। महेष्वासो महीभर्ता श्रीनिवासः सतां गतिः । अनिरुद्धः सुरानंदो गोविंदो गोविदां-पतिः ।। मरीचि:दमनो हंसः सुपर्णो भुजगोत्तमः । हिरण्यनाभः सुतपाः पद्मनाभः प्रजापतिः ।। अमृत्युः सर्व-दृक् सिंहः सन-धाता संधिमान स्थिरः । अजो दुर्मर्षणः शास्ता विश्रुतात्मा सुरारिहा ।। गुरुःगुरुतमो धामः सत्यः सत्य-पराक्रमः । निमिषो-अ-निमिषः स्रग्वी वाचस्पति: उदार-धीः ।। अग्रणी: ग्रामणीः श्रीमान न्यायो नेता समीरणः । सहस्र-मूर्धा विश्वात्मा सहस्राक्षः सहस्रपात ।। आवर्तनो निवृत्तात्मा संवृतः सं-प्रमर्दनः । अहः संवर्तको वह्निः अनिलो धरणीधरः ।।

विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार कहा गया है। मान्यता है कि मानव जीवन से जुड़े सुख-दुख का चक्र भगवान विष्णु के ही हाथ में होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो जातक कार्तिक मास में विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का जाप करता है, उसके जीवन में हर तरह की बाधाएं और विपदा दूर जाती है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से ग्रहों का भी शुभ परिणाम मिलता है। यह भी पढ़ें- करवा चौथ पर महिला क्यों करती है सोलह श्रृंगार? जानें इसका महत्व और विस्तार डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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