Ravi Pushya: 5 फरवरी को रवि पुष्य योग में करें ये काम, मिलेगा जमीन में गढ़ा खजाना
Ravi Pushya: ज्योतिष में खरीदारी के लिए रवि पुष्य योग को सर्वाधिक शुभ नक्षत्र माना गया है। यह नक्षत्र न केवल खरीदारी वरन समस्त धार्मिक कार्यों के लिए ही शुभ बताया गया है। इस मुहूर्त में शुरू किए गए कार्यों में सफलता सुनिश्चित कही जाती है। जानिए रवि पुष्य योग के बारे में
क्या है रवि पुष्य योग
ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र माने गए हैं, जिन्हें कथात्मक रूप में चन्द्रमा की पत्नियां कहा गया है। चन्द्रमा प्रत्येक नक्षत्र में एक दिन रहता है इस तरह प्रतिदिन एक नक्षत्र रहता है। पुष्य नक्षत्र भी इन्हीं 27 में से एक है। यदि चन्द्रमा गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में गोचर करता है तो इसे गुरु पुष्य कहा जाता है। यदि चन्द्रमा रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में भ्रमण करता है तो उसे रवि पुष्य नक्षत्र या योग कहा जाता है।
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इस वर्ष कब-कब है पुष्य नक्षत्र (Ravi Pushya Nakshatra 2023)
पंचांग की गणना के अनुसार वर्ष 2023 में कुल 2 बार गुरु पुष्य तथा 5 बार रवि पुष्य योग बन रहे हैं। इस वर्ष रवि पुष्य योग 8 जनवरी, 5 फरवरी, 10 सितंबर, 8 अक्टूबर और 5 नवंबर को आएगा। इसी प्रकार 27 अप्रैल और 25 मई को गुरु पुष्य योग बनेगा। इन योगों में सभी तरह के शुभ व धार्मिक-मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
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5 फरवरी को आएगा रवि पुष्य योग
वर्ष 2023 का पहला रवि पुष्य योग 8 जनवरी को जा चुका है। दूसरा संयोग 5 फरवरी को आ रहा है। इस दिन आप कोई नया कार्य या प्रोजेक्ट भी स्टार्ट कर सकते हैं। आप नई जॉब भी ज्वॉइन करक सकते हैं। हालांकि इस दिन सोना, चांदी, ज्वैलरी या प्रॉपर्टी खरीदने को विशेष शुभ माना गया है।
रवि पुष्य योग के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।
पुष्य नक्षत्र के उपाय (Ravi Pushya Nakshatra Ke Upay)
ज्योतिष में बहुत से उपाय बताए गए हैं जो अलग-अलग मुहूर्त में किए जाते हैं। कुछ विशेष उपाय केवल पुष्य नक्षत्र में ही किए जाते हैं। ये चमत्कारी असर दिखाते हैं। जानिए पुष्य नक्षत्र के उपायों के बारे में
- रवि पुष्य योग में एक हत्था जोड़ी ले आएं। उसी योग में इसे एक चांदी की डिब्बी में लाल सिंदूर के साथ डालकर तिजोरी में रख दें। प्रतिदिन उस तिजोरी के आगे प्रतीकात्मक रूप में अगरबत्ती या दिया दिखाते रहें। ऐसा करने से घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास हो जाएगा। कई बार इस उपाय से जमीन में गढ़ा खजाना भी मिल जाता है।
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- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निसंतान दंपतियों को रवि पुष्य योग में भगवान बाल श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन करना चाहिए। उन्हें स्नान कराएं, अभिषेक करें, श्रृंगार करें, उन्हें नए पीताम्बर वस्त्र पहनाएं, पीले चंदन का तिलक लगाए, पीले पुष्प तथा कमल माला अर्पित करें, पीले रंग की मिठाई तथा फल का भोग लगाएं, केसर मिश्रित कच्चा दूध चढ़ाएं। अंत में संतान गोपाल मंत्र का विधिवत जप करें। ऐसा करने से निसंतान दंपत्तियों के भी संतान उत्पन्न हो जाती है।
- यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से रोगी है और दवाएं असर नहीं कर रही हैं तो यह उपाय कर सकते हैं। समस्त रोगों के मुक्ति के लिए इस योग में गंगाजल और दूध मिले जल से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। शीघ्र ही समस्त रोग नष्ट होंगे।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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