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Guru ke Upay: हाथ में पहन लें यह रत्न तो हर दिन होली और हर रात दिवाली होगी

Guru ke Upay: वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए रत्नों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न धारण करने से वे ग्रह शुभ फल देने लगते हैं। देवगुरु बृहस्पति की अनुकूलता के लिए पुखराज धारण करने की आज्ञा दी गई […]

Guru ke Upay: वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए रत्नों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न धारण करने से वे ग्रह शुभ फल देने लगते हैं। देवगुरु बृहस्पति की अनुकूलता के लिए पुखराज धारण करने की आज्ञा दी गई है। ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया से जानिए पुखराज धारण करने के नियमों के बारे में यह भी पढ़ें: हर बिगड़ा काम बना देगा लौंग का यह उपाय, मंगलवार को ऐसे करें टोटका

क्या है पुखराज रत्न, जानिए इसके उपरत्नों के बारे में (Guru ke Upay and Pukhraj Stone)

यह एक सफेद रंग का रत्न होता है जो अत्यन्त चमकदार और आकर्षक होता है। यह अत्यधिक कठोर और मजबूत होता है। इसे गुरु की अनुकूलता पाने के लिए धारण किया जाता है। पुखराज अत्यधिक महंगा होने के कारण इसे सभी लोग धारण नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति में आप पुखराज के उपरत्न भी धारण कर सकते हैं। उपरत्नों में सुनहला, सोनल और केसरी को प्रमुख माना गया है। इनका प्रभाव भी मूल रत्न के ही समान होता है। यह भी पढ़ें: बड़े-से-बड़े संकट की काट हैं प्रदोष के उपाय परन्तु रखें ये सावधानियां

कब पहना जाता है पुखराज

यदि जन्मकुंडली में गुरु प्रतिकूल हो या अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। इस रत्न को सदैव सोने की अंगूठी में पहना जाता है। रत्न को पहनने से पूर्व गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र कर लेना चाहिए। इसे गुरुवार के दिन शुभ मुहूर्त में ही धारण करना चाहिए। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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