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अगर मान ली प्रेमानंद महाराज की सिर्फ एक बात तो जीवन में कभी नहीं होंगे दुखी, जानें क्या कहा ऐसा…

Premanand Ji Maharaj Sukhi Jivan Ke Upay : संत प्रेमानंद जी महाराज लोगों को सही मार्ग पर जोड़े रखने के लिए और उन्हें उत्साहित करने के लिए प्रतिदिन सत्संग और प्रवचन सुनाते रहते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज
Premanand Ji Maharaj Sukhi Jivan Ke Upay : संत प्रेमानंद जी महाराज प्रतिदिन अपने प्रवचनों से समाज सुधार के उद्देश्य से और लोगों को धर्म-कर्म के प्रति उत्साहित करते रहते हैं। वहीं लाखों लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उनके प्रवचनों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं। संत प्रेमानंद महाराज के दुनिया भर में लाखों अनुयायी हैं। जोकि उनके बताए हुए नियमों का अनुशरण करते हैं। चलिए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के खास विचार... ये भी पढ़ें : प्रेमानंद महाराज ने बताया दान करने का सही तरीका, जानें क्या करें और क्या नहीं मस्त रहना सीखें संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, जीवन में मस्त रहना सीखें और अपने मन के दवाब में ना रहकर मन की बातों को काटना सीखों। व्यक्ति को केवल आत्मा की बातें ही सुननी चाहिए। इसीलिए जितने दिन भी जियो एकदम मस्त रहकर जियो। परेशानियों और दुखों को भूलकर भगवान की शरण में चले जाओं और भगवान की याद में मस्त होकर जियो, जीवन आनंद से भर जाएगा। प्रसन्न रहो संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जीवन में प्रसन्न रहना ही सबसे बड़ी साधना है। जो व्यक्ति प्रसन्न नहीं रहता है, वह कभी मस्त नहीं रह सकता है। जीवन में प्रसन्नता से बड़ी तो कोई साधना हो ही नहीं सकती है। उनका कहना है कि जीवन में दुखों को भूल जाओ और परमात्मा को याद करो। मन को हमेशा ही प्रसन्न रखना चाहिए। किसी ने अगर आपसे कुछ बोल भी दिया है तो उसने अपने मुख से बोला है। इसीलिए आप दूसरे लोगों के वचनों से क्यों दुखी होते हैं। ये भी पढ़ें : प्रेमानंद जी महाराज ने बताया, किन 6 कार्यों को नहीं करने से घर में आती है खुशहाली और धन स्थिति को समझना चाहिए प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति बुरा चेत रहा है तो वह उसकी स्थिति है, इसमें आपका क्या जाता है। आपको दूसरे लोगों की स्थिति से क्या लेना-देना है, इसीलिए मस्त रहो। जीवन जीने के लिए है, मस्ती के लिए है। अपने भगवान में मस्त रहो, वे सब संभाल लेंगे। भगवान बहुत बड़े मालिक हैं, जीवन उन्हें समर्पित कर दो और आनंदमय जीवन जियो। जितनी भी स्वासें हैं, उतना आनंद लीजिए। क्योंकि जीना तो बराबर है नहीं, सबको नीयत समय पर जाना है, इसीलिए मस्त रहो। ये भी पढ़ें : प्रेमानंद जी महाराज ने बताया हस्तमैथुन कैसे बनता है विनाश का कारण डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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