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Panchak 2024: मृत्यु-समान खतरनाक है शनिवार से शुरू होने वाला पंचक, भूल से भी न करें ये 7 काम!

Panchak 2024: शनिवार 9 नवंबर से शुरू होने वाले पंचक को ज्योतिष और पंडित मृत्यु-समान कष्टकारी बता रहे हैं, क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का असर बेहद नकारात्मक हो सकता है। आइए जानते हैं, इस पंचक को इतना खतरनाक क्यों बताया जा रहा है, ये कब से कब तक हैं और इस अवधि में कौन-कौन से 7 काम नहीं करने चाहिए?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Nov 9, 2024 19:50
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Panchak 2024: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पंचक तब होता है, जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में होते हैं और 5 खास नक्षत्रों में भी गोचर करते हैं। इन पांच नक्षत्रों में धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती शामिल हैं। पंचक काल पांच दिनों का होता है। ज्योतिष में पंचक को अशुभ और हानिकारक माना गया है। इसलिए पंचक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। दरअसल, पंचक के दौरान कुछ ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि यह अवधि शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना जाता है।

‘मृत्यु पंचक’ क्या है?

ज्योतिष शास्त्र में पंचक का नामकरण दिन यानी वार के अनुसार किया गया है। रविवार से शुरू हुए पंचक को ‘रोग पंचक’, सोमवार से आरंभ हुए पंचक को ‘रज पंचक’, मंगलवार को पड़ने वाले पंचक को ‘अग्नि पंचक’, शुक्रवार को पड़ने वाला पंचक को ‘चोर पंचक’ और शनिवार से शुरू होने पंचक को ‘मृत्यु पंचक’ कहते हैं। वहीं, बुधवार और गुरुवार से शुरू पंचक ‘दोषरहित पंचक’ कहलाते हैं।

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कब से कब तक है मृत्यु पंचक?

शनिवार 9 नवंबर से शुरू होने वाले पंचक को ज्योतिष और पंडित मृत्यु-समान कष्टकारी बता रहे हैं, क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का असर बेहद नकारात्मक हो सकता है। सनातन पंचांग के अनुसार, यह पंचक 9 नवंबर, 2024 की रात में 1 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 14 नवंबर को सुबह 3 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा।

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क्यों इतना खास है मृत्यु पंचक?

अशुभ ग्रहों का प्रभाव: इस दौरान कुछ अशुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे जीवन में अशांति और तनाव पैदा हो सकता है। इस दौरान शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का असर बेहद नकारात्मक हो सकता है।

दुर्घटनाओं का खतरा: छोटी-मोटी चोटों से लेकर बड़ी दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।

विवाद और झगड़े: घर-परिवार या समाज में विवाद और झगड़े की स्थिति बन सकती है।

नकारात्मक ऊर्जा: इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे मानसिक तनाव और बीमारियां हो सकती हैं।

मृत्यु पंचक पर क्या नहीं करें?

मृत्यु पंचक के 5 अशुभ दिनों में हर व्यक्ति को बहुत संभलकर रहना चाहिए। मृत्यु पंचक एक ऐसी खास अवधि है, जब ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति कुछ इस तरह होती है कि जीवन में कई चुनौतियां और मुश्किलें आ सकती हैं। ये पांच दिन इतने संवेदनशील होते हैं कि इनमें की गई गलती या लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। कहते हैं कि इस अवधि में जीवन में ऐसी समस्याएं आ सकती हैं, जो मृत्यु के समान हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान यहां बताए गए 7 प्रकार के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। चलिए जानते हैं कि इस दौरान क्या-क्या नहीं करना चाहिए?

अग्नि से जुड़े कार्य: मृत्यु पंचक में बिजली की वायरिंग करवाना या नया बिजली कनेक्शन लेगा, फर्नीचर आदि के लिए लकड़ी काटना, नया चूल्हा लेना या जलाना या किसी प्रकार का ईंधन जैसे नया गैस सिलेंडर लाना आदि काम नहीं करने चाहिए। कहते हैं कि इन कार्यों से अग्नि से संबंधित हानि होती है, जैसे घर में आग लग सकती है, कोई झुलस सकता है आदि।

दक्षिण दिशा की यात्रा: ज्योतिष शास्त्र में दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है। इसलिए मृत्यु पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। दुर्घटना में अंग भंग या मृत्यु भी हो सकती है।

निर्माण कार्य: मृत्यु पंचक में घर बनाने या किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान बनाया गया घर अशुभ फल देता है और परिवार में कलह होती है।

नई वस्तुएं खरीदना: मृत्यु पंचक का संबंध शनिदेव से है। इसलिए इस पंचक के दौरान लोहे की बनी वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए। माना जाता है कि ये वस्तुएं अशुभ फल देती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Nov 09, 2024 06:55 PM

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