Mauni Amavasya 2024: कहते हैं कि किसी को कुछ दान कर देने से या जरूरतमंद की मदद कर देने से कोई व्यक्ति बड़ा या छोटा नहीं हो जाता है। हिन्दू धर्म में दान-पुण्य जैसे कार्यों को करने का खास महत्व है। कई अवसर पर दान करने से व्यक्ति को कई सालों का पुण्य एक दिन में प्राप्त हो सकता है। इनमें से एक मौनी अमावस्या का दिन भी है। मान्यता है कि इस दिन व्यक्ति को दान करने का फल 100 सालों के बराबर मिलता है।
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है, जो सबसे बड़ी अमावस्या में से एक है। कहा जाता है कि इस अमावस्या में मौन रहने वालों को मूनी पद की प्राप्ति होती है और जो लोग स्नान करने के दौरान कुछ नियमों का पालन और दान आदि करते हैं उन्हें कई तरह से लाभ ही लाभ मिलता है।
कब है मौनी अमावस्या?
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ मास अमावस्या यानी मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya Date) 9 फरवरी 2024 को है। इसकी शुरुआत सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगी और समाप्ति सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगी। 9 फरवरी को स्नान और दान किया जाएगा।
क्या है मौनी अमावस्या का महत्व?
मौनी अमावस्या को मौन रहकर भगवान का ध्यान किया जाता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति मौन नहीं रह सकता है तो वो उस दिन शुद्ध विचार और मन को पूरी तरह से साफ रखें। किसी के प्रति गलत विचार न लाएं और वाणी में मिठाष्स रखें। इस दिन स्नान, दान और पूजा करने का खास महत्व होता है।
स्नान से दूर होंगे सभी पाप
शास्त्रों में मौनी अमावस्या को स्नान करने का खास महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान करना जरूरी होता है, लेकिन किसी कारण अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने नहाने के पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगा और फिर पानी मिलाकर स्नान कर सकते हैं। नहाने के दौरान हर हर गंगे का जाप जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो सकते हैं।
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मौनी अमावस्या पर इन 3 चीजों का करें दान
मौनी अमावस्या पर दान करने का खास महत्व होता है। इस दिन काले तिल, अनाज और वस्त्र और जरूरतों की चीजों का दान करना फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि दान करने वाले पर खासतौर पर मां लक्ष्मी की खास कृपा बरसती है।
मौनी अमावस्या पर दूर करें पितृ दोष
वैसे तो सभी अमावस्या पितृ कर्मों के लिए उत्तम है लेकिन मौनी अमावस्या मकरस्त होने कारण अद्धभुत फलदायी है और पितृ क्रमों के लिए उत्तम है। अगर आपको लगता है कि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या पितरों का आशीर्वाद चाहते हैं तो मौनी अमावस्या पर पितृ तर्पण जरूर करें।
इस दिन घी, तिल और शहद के साथ खीर बनाकर गंगा में डालने से पितृ दोष (Pitra Dosh) दूर होता है। मान्यता है कि इससे पितृ संतुष्ट होकर अपने बच्चों को मनोवांछित चीजें प्रदान करते हैं। इसके अलावा पितरों को याद करके शिवलिंग पर गंगाजल को अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
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