Mahakaleshwar Temple Ujjain Bhasma Aarti: धर्म नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रत्येक त्यौहार सबसे पहले मनाने की परम्परा है। आज यहां सुबह चार बजे भस्मारती में बाबा महाकाल को पीले द्रव्य से स्नान कराया गया। इसके बाद पीले चंदन से आकर्षक श्रृंगार कर सरसों और गेंदे के पीले फूल अर्पित किए गए। बाबा को पीले वस्त्र पहनाकर विशेष आरती की गई और फिर पीले रंग की मिठाई का महा भोग लगाया गया।
यह भी पढ़ें- बसंत पंचमी पर 3 राशियों की बदलने जा रही हैं किस्मत, मां लक्ष्मी दिलाएंगी धन लाभमहाकाल मंदिर में मनाया गया बसन्त पंचमी उत्सवयह भी पढ़ें- बसंत पंचमी के दिन इस विधि से करें मां सरस्वती की पूजा, सभी कार्य में मिलगी सफलता
बुधवार को महाकाल मंदिर में बसंत पंचमी पर्व का उत्साह साफ दिखाई दिया। आज पूजा के दौरान ज्यादातर श्रद्धालु और पुजारी जी पीले वस्त्र में दिखाई दिए। हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करते हैं उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही हर कार्य सफल होते हैं।
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बता दें कि बसंत पंचमी का त्योहार पूरे भारत में सरस्वती पूजा के नाम से जाना जाता है। साथ ही इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए लोग माता की विधि-विधान से पूजा करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती अपने भक्तों को विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं।
यह भी पढ़ें- बसंत पंचमी के दिन करें राशि अनुसार ये खास उपाय, मां सरस्वती पूरी करेंगी मनोकामनासंजय शर्मा पुजारी