Magh Purnima 2023: 5 फरवरी, पूर्णिमा पर कर लें ये काम, पूरा वर्ष शानदार रहेगा
Magh Purnima 2023: फरवरी में आने वाली 5 तारीख काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माघ माह की पूर्णिमा यानी माघी पूर्णिमा है। हालांकि माघी पूर्णिमा (Magh Purnima 2023) का शुभ मुहूर्त 4 फरवरी की रात से ही शुरू हो जाएगा, लेकिन 5 फरवरी को यह पूरे दिन चलेगा। इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा या फिर सरोवरों में स्नान के बाद पूजा अर्चना और दान का विशेष महत्व है।
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मकर संक्रांति के बाद बड़ा स्नान है माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा या फिर माघिन पूर्णिमा भी कहते हैं। माना जाता है कि माघ मास में देवलोक से देवता पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आते हैं, इसलिए माघ में विशेष तिथियों पर पूजा अर्चना और दान की अपनी ही महिमा है।
इस दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चले रहे माघ मेला भी खासी भीड़ पहुंचने की संभावना है, क्योंकि मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में करीब 36 लाख लोगों ने स्नान किया था।
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के मुताबिक माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2023 Shubh Muhurat) के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 04 फरवरी यानी शनिवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर हो जाएगी। जबकि शुभ मुहूर्त का समापन अगले दिन 5 फरवरी यानी रविवार रात 11 बजकर 58 मिनट पर हो जाए।
इस तरह से देखा जाए तो माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को ही मनाई जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो इस शुभ मुहूर्त में भी रविवार को सुबह 7 बजकर 7 से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट विशेष शुभ मुहूर्त रहेगा, जिसमें पूजा, अर्चना और दान का अतिविशेष महत्व रहेगा।
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माघ पूर्णिमा पूजन विधि
कुछ विशेष स्नानों को छोड़कर सभी स्नानों का ब्रह्म मुहूर्त में ही किया जाता है। अब बात करें माघ पूर्णिमा की तो इसकी भी एक पूजा और विधि (Magh Purnima 2023 Pujan Vidhi) है। धार्मित गुरुओं की बातों पर ध्यान दें तो इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान करना चाहिए।
वैसे तो माघ पूर्णिमा को गंगा स्नान का विशेष का महत्व है, लेकिन अगर आप गंगा स्नान को नहीं जा पाते हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डाल लें। स्नान की शुरुआत पैरों से करें। इस दौरान भगवान विष्णु का स्मरण करें। इसके बाद अपने हाथों को गिला करें तो ब्रह्मा जी को याद करें। तत्पश्चात अपने सिर पर जल डालें और भगवान महेश यानी शिव का ध्यान करें।
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इस सामग्री को करें अर्पित
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यदि आप अपने घर के बाथरूम में ही इस विधि से स्नान करते हैं तो वह गंगा का स्नान माना जाता है। इसके बाद आप ऊं नमो नारायण का स्मरण करें। एक पात्र में जल, उसमें थोड़ी हल्दी और कुछ मीठा (गुड़ या चीनी के दाने) डालें और सूर्य नारायण का अर्घ्य दें।
इसके बाद आप भोग स्वरूप चरणामृत, पान, तिल, रोली, फल, सुपारी आदि अर्पित करें। माना जाता है इस दिन पूजा और दान से मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। साथ ही अन्न आदि का दान करें। हिंदू धर्म के मुताबिक माघ पूर्णिमा के स्नान को मोक्ष की प्राप्ति से भी जोड़ा जाता है।
माघ मेले का महत्वपूर्ण स्नान है माघिन पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रयागराग माघ मेला (Magh Mela 2023) में एक स्नान माघ पूर्णिमा का भी है। माघ मेले में होने वाले बड़े स्नानों पर गौर करें तो 6 जनवरी 2023 को पौष पूर्णिमा, 14-15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति, 21 जनवरी 2023 को मौनी अमावस्या विशेष थे।
अब आगामी स्नानों की बात करें तो 5 फरवरी 2023 को माघी पूर्णिमा या फिर माघिन पूर्णिमा और 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर बड़ा स्नान होगा। माघ मेला प्रबंधन के मुताबिक पिछले सभी स्नानों में भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में पहुंचे थे। अब माघ पूर्णिमा को भी खासी संख्या में लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
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