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Lucky Gemstone: धन और सुख की चाभी है यह रत्न, पहनते ही मां लक्ष्मी खोल देती हैं धन का भंडार

Lucky Gemstone: स्फटिक को मां लक्ष्मी का प्रिय रत्न माना गया है. मान्यता है कि यह रत्न धन, सुख और सकारात्मकता आकर्षित करता है. साथ ही, यह आर्थिक कमी, काम में रुकावट और तनाव जैसी समस्याओं में इसे बेहद शुभ माना गया है. आइए जानते हैं, किस प्रकार यह पारदर्शी रत्न भाग्य के बंद दरवाजे खोल देता ह?

Lucky Gemstone: धन-संपत्ति की कमी, काम में रुकावट या घर में तनाव, ऐसी परेशानियां हर किसी को कभी न कभी घेर लेती हैं. रत्न शास्त्र में कई रत्नों का उल्लेख मिलता है, जिनमें स्फटिक को सबसे पवित्र और प्रभावी माना गया है. इसे मां लक्ष्मी का प्रिय रत्न बताया गया है. मान्यता है कि यह रत्न सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और भाग्य के बंद दरवाजे भी खोल देता है. आइए जानते हैं, स्फटिक क्या है और इस रत्न को धन और सुख की चाभी क्यों कहते हैं?

क्या है स्फटिक?

स्फटिक या क्रिस्टल एक पारदर्शी, चमकदार और रंगहीन पत्थर है. इसे क्रिस्टल भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार मां लक्ष्मी स्वयं इसे धारण करती हैं. इसलिए इसे सौभाग्य और शुद्धता का प्रतीक माना गया है.

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धन और करियर में सहयोग

कई लोग मानते हैं कि स्फटिक की माला पहनने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. यह रत्न मानसिक एकाग्रता बढ़ाता है और व्यक्ति अपने लक्ष्यों पर अच्छे से ध्यान दे पाता है.

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- अचानक पैसे की कमी कम होती है
- नौकरी में प्रगति के अवसर बढ़ते हैं
- अटके हुए काम आगे बढ़ते हैं
- व्यापार में स्थिरता आती है

स्फटिक को तिजोरी या कैश बॉक्स में रखने से भी लाभकारी असर बताया गया है. खासकर यदि तिजोरी दक्षिण दिशा में हो, तो आमदनी बढ़ने की संभावनाएं मानी जाती हैं.

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घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा

स्फटिक को ऐसा रत्न माना जाता है, जो आसपास के वातावरण को शांत और पवित्र बनाने में मदद करता है. इसे घर या ऑफिस में रखने से परिवार के सदस्यों के बीच होने वाले विवाद कम होते हैं और माहौल में सौहार्द बढ़ता है. यह तनाव और घबराहट को भी कम करता है, जिससे मन अधिक स्थिर और संतुलित महसूस करता है.

स्फटिक की ऊर्जा के कारण घर में सकारात्मकता बनी रहती है और वातावरण हल्का व शांत अनुभव होता है. यही कारण है कि लोग इसे अपने घर, ऑफिस और पूजा स्थल पर विशेष रूप से स्थापित करते हैं.

कब और कैसे धारण करें?

स्फटिक धारण करने का सबसे शुभ दिन बुधवार या शुक्रवार माना गया है. इसे गले की माला, कंगन या अंगूठी के रूप में पहना जा सकता है. इसे धारण करने की सरल विधि इस प्रकार है:

- स्फटिक को गंगाजल से साफ करें.
- इसे मां लक्ष्मी के सामने रखें.
- "ओम श्री लक्ष्मये नम" मंत्र का सात बार जाप करें.
- अब इसे श्रद्धा के साथ धारण कर लें.

इस सरल विधि से रत्न की सकारात्मक ऊर्जा और प्रभाव बढ़ जाता है.

किन लोगों के लिए उपयोगी है स्फटिक?

स्फटिक रत्न उन लोगों के लिए खास तौर पर लाभकारी माना जाता है, जो लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हों और जिनकी आमदनी स्थिर न हो पा रही हो. यह रत्न उन व्यक्तियों के लिए भी सहायक बताया गया है, जिन्हें करियर में बार-बार रुकावटें आ रही हों या मेहनत के बावजूद मनचाहा परिणाम न मिल रहा हो.

इसके अलावा, जो लोग तनाव, घबराहट या लगातार चिंता की स्थिति से गुजर रहे हैं, उनके लिए भी स्फटिक मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाने में मददगार माना जाता है. घर या ऑफिस में नकारात्मक ऊर्जा महसूस होने पर भी यह रत्न सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक होता है. स्फटिक के इन्हीं गुणों के कारण इस धन और सुख की चाभी कहा गया है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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