कालाष्टमी के 5 उपाय
कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल में उड़द दाल के पकौड़े बना लें। इसके बाद किसी को बिना बताएं पकौड़ों को लेकर घर से बाहर निकल जाएं। इस क्रम में अगर रास्ते में कोई काला कुत्ता मिले तो उसे पकौड़े खिला दें। ऐसा करने के बाद घर लौट आएं। घर लौटते वक्त पीछे मुड़कर ना देखें। कालाष्टमी के दिन काल भैरव के लिए मीटी रोटी (गुड़ या चीनी से बनी हुई) घर में बनाएं। कालाष्टमी के दिन बनी हुई रोटी को किसी भैरव मंदिर में जाकर उन्हें अर्पित करें। अगर मंदिर जानें में कठिनाई या वहा जाना असंभव लगे तो किसी काले कुत्ते को खिला दें। मान्यतानुसार, काला कुत्ता काल भैरव का स्वरूप है। यह उपाय कार्यों में सफलता दिलाने में मददगार साबित होगा। काल भैरव मंत्र ॐ कालाकालाय विद्महे कालातीताय धीमहि तन्नो काल भैरव प्रचोदयात् काल भैरव गायत्री मंत्र, मन में आने वाले बुरे विचारों को दूर करने में सहायक है। इस मंत्र का 108 बार जाप करने से भगवान शिव और काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा यह मंत्र शरीर को निरोग रखने में सहायक है। इतनी नहीं, यह मंत्र बुरी शक्तियों को दूर करने में भी कारगर माना गया है। मिट्टी की हांडी में काली उड़द, नमक, चालव रखें। साथ ही उसमें पापड़, उड़द और दही भी रखें। इतना करने के बाद उस हांडी के ऊपर उसका ढक्कन रख दें। फिर उसके ऊपर चौमुखी (चार मुख वाला) दीपक रख दें। दीपक को जलाकर शाम के समय किसी चौराहे के किनारे रख दें। ऐसा करते वक्त काल भैरव से अपनी मनोकमना कहें। ऐसा करने से कालभैरव प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूरी करेंगे। कालष्टमी के दिन शाम के समय किसी भैरव मंदिर में जाएं। वहां सरसों तेल का चार मुख वाला दीपक जलाएं। इसके साथ ही भगवान भैरव को कपूर, जलेबी, फूल, उड़द, पान और नारियल भैरव देव को अर्पित करें। मान्यतानुसार, ऐसा करने से बिगड़े काम भी बनते नजर आएंगे। यह भी पढ़ें: हर इच्छा होगी पूरी, काल भैरव को चढ़ाएं खास चीज
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।