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Kalashtami 2024: कब है पौष माह का कालाष्टमी व्रत, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और इसका लाभ

Kalashtami 2024: दृक पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत 4 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को रखा जाएगा। तो आइए शुभ तिथि व महत्व के बारे में जानते हैं।

Kalashtami 2024
Kab Hain Kalashtami 2024: दृक पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी का पर्व हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। कालाष्टमी को काला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा विधि-विधान से की जाती है। मान्यता है कि जो जातक कालाष्टमी के दिन बाबा काल भैरव की उपासना करते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। आज इस खबर में जानेंगे कि इस माह में काल भैरव जयंती कब है साथ ही इस दिन पूजा करने से क्या लाभ मिलते हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।

काल भैरव जयंती कब

दृक पंचांग के अनुसार, काल भैरव जयंती या कालाष्टमी का व्रत पौष माह के अष्टमी तिथि यानी 4 जनवरी 2024 दिन बृहस्पतिवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 3 जनवरी 2024 दिन बुधवार को शाम 7 बजकर 48 मिनट पर से शुरू होगा और समापन 4 जनवरी 2024 को शाम 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, कालाष्टमी 4 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को पड़ेगा। वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि के 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। यह भी पढ़ें- शनि के नक्षत्र परिवर्तन से 4 राशियों की बदलेगी किस्मत, नौकरी में होगी खूब तरक्की

कालाष्टमी पूजा का लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही अनिष्ट शक्तियों, रोग व व्याधियों से सुरक्षा के साथ सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल भैरव की पूजा में कलश स्थापना, पंचांग स्थापना, 64 योगिनी की पूजा, क्षेत्रपाल पूजन, गणेश पूजन, स्वस्तिवाचन, सभी देवी-देवताओं का आह्वान, अभिषेक, नवग्रह पूजन और प्रत्येक ग्रह का 108 बार मंत्र का जाप शामिल हैं। साथ ही इस दिन भैरव मूर्ति और यंत्र, भैरव मंत्र का जाप आरती व पुष्पांजलि भी शामिल हैं। कालाष्टमी के दिन इन विधानों से पूजा करने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं। साथ ही अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं। यह भी पढ़ें- 7 जनवरी को बुध करेंगे धनु राशि में प्रवेश, 3 राशि वालों को होगा छप्परफाड़ धन का लाभ डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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