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Hindu Religion: कुलदेवता, ग्राम देवता और इष्ट देवता में क्या है खास अंतर, जानें यहां-

Hindu Religion: क्या आप जानते हैं हिंदू धर्म में कुलदेवता, ग्राम देवता और इष्ट देवता में खास अंतर क्या है। अगर नहीं तो आइए इस खबर में जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Feb 12, 2024 15:40
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Hindu Religion: हिंदू धर्म में कई तरह के देवी-देवता होते हैं। जिनकी पूजा भी कई तरह से होती हैं। बता दें कि ऐसे ही सनातन धर्म में कुलदेवता, ग्राम देवता और इष्ट देवता होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कुल देवता, ग्राम देवता और इष्ट देवता कौन हैं। अगर नहीं तो आज इस खबर में तीनों देवताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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कौन हैं कुल देवता

हिंदू धर्म में हर परिवार का एक कुलदेव यानी कुलदेवता होते हैं। जो खासकर अपने वंश की रक्षा करते हैं। संस्कृति परंपरा के अनुसार, कुलदेवता की पूजा की जाती है। किसी भी मनुष्य का शरीर, वास्तव में वर्तमान अस्तित्व और पूर्वजों से प्राप्त हुआ है। व्यक्ति अपने आपको सुरक्षित कुल देवता के आशीर्वाद से बनाए रखते हैं।

कई ग्रंथों में कुलदेवी और कुलदेवता का उल्लेख किया गया है। साथ ही भारत का इतिहास में भी इसके उदाहरण पड़े हुए हैं। जहां राजाओं ने अपने कुलदेवी-देवता के मंदिर बनवाते हैं। बता दें कि कुलदेवी और कुलदेवता शुभ और मांगलिक कार्य पर पूजा भी मांगते हैं। जैसे परिवार में विवाह से पहले, बच्चे के जन्म पर, यज्ञोपवीत संस्कार पर, देवता के मंदिर में वार्षिक पूजा आदि।

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कौन हैं ग्राम देवता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुलदेवता के विपरीत ग्राम देवता किसी एक परिवार के लिए विशिष्ट नहीं होते हैं, बल्कि यह किसी विशेष गांव या क्षेत्र के निवासियों द्वारा साझा किए जाते हैं। मान्यता है कि ग्राम देवता किसी विशेष गांव या समुदाय की भलाई की रक्षा और देखभाल करते हैं।

“ग्राम देवता” शब्द हिंदी भाषा से लिया गया है, जहां “ग्राम” का अर्थ होता गांव और “देवता” का अर्थ भगवान है। यानी गांव का भगवान। ग्राम देवता की पूजा मुख्य तौर पर समाज की कल्याण के लिए होती है। साथ ही इनकी पूजा अक्सर ऐसे त्यौहार पर होते हैं, जिनमें पूरा गांव शामिल होता है।

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कौन हैं इष्ट देवता

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इष्ट देवता को “इष्ट देव” या “इष्ट देवी” कहा जाता है। यह व्यक्तिगत देवी या देवता होते हैं। जिनकी हिंदू धर्म में पूजा की जाती है। बता दें कि इनकी पूजा करने से एक मजबूत, व्यक्तिगत संबंध विकसित होगा। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपने कुलदेवता को भूल जाएं।

बता दें कि कुलदेवता की पूजा वंश की सुरक्षा के लिए की जाती है। बता दें कि “इष्ट” शब्द का अर्थ है “प्रिय” या “वांछित” होता है। इसलिए इष्ट देवता वे देवता हैं जो किसी विशेष व्यक्ति द्वारा सबसे अधिक पोषित और पूजनीय होते हैं। इन देवताओं को व्यक्ति के मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में देखा जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 12, 2024 03:40 PM

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