Ganesh Ji Ke Upay: भाग्यवश कई बार व्यक्ति आर्थिक तंगी का शिकार होकर एक-एक पैसे का मोहताज हो जाता है। उस समय उसे न तो कहीं से सहायता मिलती है और न ही कोई उस पर विश्वास करने को तैयार होता है। ऐसी स्थिति में यदि देवशक्तियों से प्रार्थना की जाए तो वे निश्चित रूप से मदद करती हैं। विशेषकर आर्थिक समस्याओं के लिए भगवान गणपति की आराधना करना सुखद रहता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार रुद्रयामल तंत्र में ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र दिया गया है। यदि विधिवत रूप से इस स्तोत्र का प्रतिदिन 11 बार एक निश्चित समय पर पाठ किया जाए तो व्यक्ति की समस्त आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसे प्रयोग करने का तरीका भी बहुत ही सरल है। आपको शुक्ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन से इस प्रयोग को आरंभ करना है।
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कैसे करें ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का प्रयोग (Ganesh Ji Ke Upay)
किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन गजानन के चित्र अथवा प्रतिमा को लाल रंग के आसन पर विराजमान कराएं। उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करें। उन्हें जनेऊ, पुष्प, सुपारी, लड्डू, पान आदि चढ़ाएं। इसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके ‘ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्’ मंत्र का 108 बार जप करें। इसके बाद उसी आसन पर बैठे हुए ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का 11 बार पाठ करें। पाठ करने के बाद ‘ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हूँ नमः फट्’ मंत्र का 108 बार पाठ करें। पाठ निम्न प्रकार है
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पूजा समाप्त होने के बाद गणेश जी से क्षमा प्रार्थना करें और उनके शीघ्र ही ऋणमुक्ति तथा धन देने की प्रार्थना करें। आपको प्रतिदिन इस प्रयोग को तब तक करना है जब तक कि आपकी समस्या समाप्त न हो जाएं। आप चाहें तो बाद में भी प्रयोग को जारी रख सकते हैं। इससे जीवन में लगातार तरक्की करते जाएंगे। इस प्रयोग को आरंभ करते ही आपकी स्थितियों में सुधार होने लगेगा। इनकम के नए सोर्स बनने लगेंगे और बहुत जल्दी आपकी समस्या दूर होगी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।