Bhutdi Amavasya: सनातन धर्म परंपरा में अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। वैदिक कैलेंडर के अनुसार एक वर्ष में कुल 12 अमावस्या आती हैं। इन्हें माह के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं। इस माह आने वाली चैत्र माह की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है।
पंचांग की गणना के अनुसार इस माह आने वाली चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या 21 मार्च 2021, मंगलवार को आ रही है। ऐसे में इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। मंगलवार को अमावस्या आने के कारण इस दिन का विशेष महत्व बन रहा है। इसी दिन शुभ योग तथा सिद्धि योग भी बन रहे हैं।
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कब है भूतड़ी अमावस्या तिथि और मुहूर्त (Bhutdi Amavasya Date)
चैत्र अमावस्या का आरंभ: 20 मार्च 2023, सोमवार को रात्रि 1:47 बजे
चैत्र अमावस्या का समापन: 21 मार्च 2023, मंगलवार को रात्रि 10:53 बजे
भूतड़ी अमावस्या पर करें इन नियमों का पालन
जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है कि इस अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं, इसी कारण इसे भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं, इन नियमों की पालना करने पर लाभ होता है। जानिए इन नियमों के बारे में
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- भूतड़ी अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। अतः इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण तथा पिंडदान किया जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती हैं और हमें उनका आशीर्वाद मिलता है।
- यथासंभव इस दिन ऐसी किसी भी जगह पर न जाएं जहां नकारात्मक शक्तियों का वास हों यथा श्मशान, कब्रिस्तान अथवा खंडहरों में।
- इस दिन पीपल, बरगद आदि पवित्र वृक्षों को भी हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। यदि भूतड़ी अमावस्या के दिन इन वृक्षों को जल से सींचा जाए तथा दीपक जलाया जाए तो समस्त कठिनाईयों का नाश होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।