हर रोज मंदिर क्यों जाना चाहिए? जानिए इसके फायदे
Benefits of Visiting Temple Daily: मुसीबत के समय में अक्सर इंसान भगवान को याद करता है, ताकि उससे छुटकारा मिल सके। अक्सर देखा गया है कि जब व्यक्ति का समय विपरीत होता है तो वह मंदिर जाता है। वहां जाकर व्यक्ति भगवान से यह विनती करता है कि उसका समय अनुकूल हो जाए। हालांकि जो लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं, वे रोजाना मंदिर जाते हैं या घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना मंदिर जाने के क्या-क्या फायदे हैं? अगर नहीं तो चलिए इस बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
रोजाना मंदिर क्यों जाना चाहिए
मंदिर जाना एक प्रकार का सत्कर्म है। मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति के लिए मंदिर जाना उत्तम कार्य माना गया है। रोजाना मंदिर जाने से न सिर्फ मन को सुकून मिलता है, बल्कि अच्छे विचारों से चित्त भी प्रसन्नता भी बनी रहती है। धर्म शास्त्र के जानकार पं. मणिभूषण झा बताते हैं कि जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म करने के बाद स्वच्छतापूर्वक मंदिर जाता है, उसे ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। सूर्योदय के वक्त मंदिर जाने के क्रम में अगर सूर्य की रोशनी शरीर पर पड़ती है तो उससे अंगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही साथ शरीर का तेज भी बढ़ता है।
रोजाना मंदिर जाने के फायदे
नियमित रूप से मंदिर जाने पर मन से भय दूर होता है, परिणामस्वरूप व्यक्ति निर्भीक होकर सत्कर्मों में रम जाता है। दरअसल कई बार मन का भय एकाग्रता में आड़े आता है। यही वजह है कि बड़े-बुजुर्ग अब भी नई पीढ़ी को रोजाना मंदिर जाने की सलाह देते हैं। अगर व्यक्ति रोजाना मंदिर जाए तो उसके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिससे नकारात्मकता दूर होगी। कहा जाता है कि नियमित रूप से मंदिर जाने पर बुद्धि का भी सम्यक विकास होता और उसकी प्रखरता में उत्तरोत्तर विकास होता जाता है। साथ ही साथ समस्त इंद्रियों पर भी नियंत्रण बना रहता है, आत्मिक संतुष्टि भी प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, जो लोग रोजाना मंदिर जाते हैं, उसनें साहस क्षमता बढ़ती है। साथ ही वे निर्भयतापूर्वक बड़े से बड़े संकटों का सामना कर लेतेहैं।
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प्रतिदिन, मंदिर जाने से मनुष्य की आध्यात्मिक शक्ति का विकास भी होता है, व्यक्ति बुरे कर्म और कुसंगतियों से दूर रहता है। भगवान इंसान की बुद्धि को निर्मल कर देते हैं, ताकि वह संकट की घड़ी में भी अपनी बुद्धि और विवेक से काम ले न कि दिमाग से। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में इस बारे में बताया है कि इंसान को हमेशा अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिए, क्योंकि बुद्धि मन से भी बड़ी है।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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