Aaj Ka Panchang 7 march 2025: आज 7 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 23वां दिन है यानी आज इस माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 44 मिनट 57 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 23 मिनट 56 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 7 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो 09:18 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरु हो जाएगी। अष्टमी तिथि एक जया तिथि है, जिसकी स्वामी भगवान शिव हैं और इस दिन का स्वभाव संघर्षपूर्ण होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज दिन भर मृगशिरा नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 7 मार्च की 11:32 PM तक कायम रहेगी। इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: आज शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।
योग: आज 06:15 PM तक प्रीति योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद आयुष्मान योग की शुरुआत होगी, यह भी एक शुभ योग है।
करण: आज 09:18 AM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 08:43 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज वृषभ राशि में 11:45 AM तक गोचर करेंगे, जो तुला की राशि है। इसके बाद वे मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:02 AM से 05:51 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:26 AM से 06:40 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:09 PM से 12:56 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:17 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:22 PM से 06:47 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:25 PM से 07:38 PM
अमृत काल: 02:56 PM से 04:30 PM
निशिता मुहूर्त: 12:07 AM, मार्च 08 से 12:56 AM, मार्च 08
रवि योग: 11:32 PM से 06:39 AM, मार्च 08
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 11:04 AM से 12:32 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।:
यमगण्ड: 03:28 PM से 04:57 PM
दुर्मुहूर्त काल: 09:01 AM से 09:48 AM और 12:56 PM से 01:43 PM
गुलिक काल: 08:08 AM से 09:36 AM
7 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
शुक्रवार का व्रत: आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और दिन शुक्रवार है। आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी: मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है और भक्त इस दिन विशेष पूजा, व्रत, और साधना करते हैं। यह तिथि देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं। पंचांग के पाँच प्रमुख अंग- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा आदि। इन कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।