Aaj Ka Panchang 3 march 2025: आज 3 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 19वां दिन है यानी आज इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 38 मिनट 09 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 20 मिनट 47 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 3 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो 3 मार्च के 06:02 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि शुरु हो जाएगी। चतुर्थी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसकी स्वामी भगवान गणेश हैं, और इस दिन का स्वभाव खलप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र: आज दिन भर अश्विनी नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 4 मार्च की 04:29 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद भरणी नक्षत्र शुरू होगी। अश्विनी नक्षत्र शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है, लेकिन भरणी एक अशुभ नक्षत्र माना जाता है।
दिन/वार: सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित माना जाता है, जिससे यह दिन भक्तों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
योग: आज 08:57 AM तक शुक्ल योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग की शुरुआत होगी, जो 4 मार्च के 05:25 AM तक कायम रहेगी। शुक्ल और ब्रह्म ये दोनों ही योग शुभ योग हैं।
इसके साथ ही आज रवि योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन खास बन गया है। इस योग की अवधि को आप नीचे शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 07:30 AM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो 06:02 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद बव करण आरंभ हो जाएगा, जो 4 मार्च के 04:37 AM तक प्रभावी रहेगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगलदेव हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:05 AM से 05:55 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:30 AM से 06:44 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:10 PM से 12:56 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:16 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:20 PM से 06:45 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:22 PM से 07:36 PM
अमृत काल: 09:56 PM से 11:24 PM
निशिता मुहूर्त: 12:08 AM, मार्च 04 से 12:57 AM, मार्च 04
रवि योग: 04:29 AM, मार्च 04 से 06:43 AM, मार्च 04
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 08:11 AM से 09:39 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 11:06 AM से 12:33 PM
गुलिक काल: 02:00 PM से 03:28 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 12:51 AM, मार्च 04 से 02:18 AM, मार्च 04
गण्ड मूल: 06:44 AM से 04:29 AM, मार्च 04
दुर्मुहूर्त काल: 12:56 PM से 01:43 PM और 03:16 PM से 04:03 PM
भद्रा काल: 07:30 AM से 06:02 PM
आज एक विशेष अशुभ योग बन रहा है, ये है ज्वालामुखी योग, जो 04:29 AM, मार्च 04 से 06:43 AM, मार्च 04 तक प्रभावी रहेगा।
3 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है और दिन सोमवार है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
विनायक चतुर्थी व्रत: विनायक चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र उपवास है, जिसे हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भक्तों द्वारा श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने, बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि की कामना हेतु किया जाता है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं। पंचांग के पाँच प्रमुख अंग- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा आदि। इन कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।