Aaj Ka Panchang 26 April 2026: आज 26 अप्रैल, 2026 को वैशाख माह का तेरहवां दिन है और आज इस माह की त्रयोदशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 08 मिनट 36 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 50 मिनट 28 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का पूर्वार्ध काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 26 अप्रैल के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो 08:27 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। त्रयोदशी तिथि एक जया तिथि है, जिसके स्वामी कामदेव हैं और इस दिन का स्वभाव विजयप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र: आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 06:27 AM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगी, जो 27 अप्रैल की 03:39 AM तक कायम रहेगी। यह भी एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र की शुरुआत होगी और यह भी एक शुभ नक्षत्र है।
दिन/वार: आज दिन शनिवार है, जो बजरंग बली हनुमान जी और भगवान शनिदेव की आराधना का विशेष दिन माना गया है।
योग: आज दिन भर वैधृति योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है और यह 26 अप्रैल की 08:42 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद विष्कंभ योग की शुरुआत होगी, यह एक शुभ योग नहीं है और यह 27 अप्रैल की 04:35 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद प्रीति योग की शुरुआत होगी।
करण: आज 08:27 AM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो 26 अप्रैल के 06:40 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद शकुनि करण की शुरुआत होगी, जो 26 अप्रैल की 04:49 AM तक कायम रहेगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बृहस्पति हैं। वे इस राशिफल में अप्रैल 27 की 03:39 AM तक रहेंगे और फिर वे मेष राशि में गोचर कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:18 AM से 05:01 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:40 AM से 05:45 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:31 PM से 03:23 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:52 PM से 07:14 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:53 PM से 07:58 PM
अमृत काल: 01:31 AM, अप्रैल 27 से 02:56 AM, अप्रैल 27
निशिता मुहूर्त: 11:57 PM से 12:40 AM, अप्रैल 27
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 09:02 AM से 10:40 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 01:58 PM से 03:36 PM
गुलिक काल: 05:45 AM से 07:23 AM
दुर्मुहूर्त काल: 05:45 AM से 06:37 AM और 06:37 AM से 07:30 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 05:03 PM से 06:28 PM
गण्ड मूल: 06:27 AM से 05:44 AM, अप्रैल 27
भद्रा काल: 08:27 AM से 06:40 PM
पंचक: 05:45 AM से 03:39 AM, अप्रैल 27
26 अप्रैल 2026 के पर्व और त्योहार
आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और दिन शनिवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं, इसलिए इस दिन उनका पूजन एवं व्रत करना अत्यंत लाभकारी होता है।
इसके साथ ही, शनिवार का दिन बजरंगबली हनुमान जी की आराधना के लिए भी शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की भक्ति करने से शनि ग्रह के प्रभाव से उत्पन्न कष्टों से मुक्ति मिलती है। स्वयं शनिदेव ने हनुमान जी को यह वचन दिया था कि जो भी उनकी उपासना करेगा, उसे वे कोई कष्ट नहीं देंगे।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News26 इसकी पुष्टि नहीं करता है।