Aaj Ka Panchang 21 March 2025: आज 21 मार्च, 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का सातवां दिन है और आज इस माह की सप्तमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 09 मिनट 01 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 49 मिनट 48 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 21 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है, जो 22 मार्च की 04:23 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरु हो जाएगी। सप्तमी तिथि एक भद्रा तिथि है, जिसके स्वामी सूर्यदेव हैं और इस दिन का स्वभाव मित्रव्रत होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज दिन भर ज्येष्ठा नक्षत्र कायम रहेगी, जो 22 मार्च की 01:46 AM तक व्यापात रहेगी। इसके बाद मूल नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: आज शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।
योग: आज 06:42 PM तक सिद्धि योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद व्यतिपात योग की शुरुआत होगी, यह एक अशुभ योग है।
करण: आज 03:38 PM तक विष्टि करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बव करण की शुरुआत होगी, जो 22 मार्च की 04:23 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं, इसमें वे 22 मार्च की 01:46 AM तक ही रहेंगे। इसके बाद वे धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:49 AM से 05:36 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:13 AM से 06:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM से 12:53 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:32 PM से 06:55 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:33 PM से 07:44 PM
अमृत काल: 04:08 PM से 05:53 PM
निशिता मुहूर्त: 12:04 AM, मार्च 22 से 12:51 AM, मार्च 22
रवि योग: 06:24 AM से 01:46 AM, मार्च 22
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 10:57 AM से 12:28 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 03:31 PM से 05:02 PM
गुलिक काल: 07:55 AM से 09:26 AM
दुर्मुहूर्त: 08:50 AM से 09:38 AM और 12:53 PM से 01:41 PM
गण्ड मूल: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
भद्रा: 06:24 AM से 03:38 PM
14 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है और दिन शुक्रवार है। आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।
शीतला सप्तमी: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी व्रत रखा जाता है। इसके अगले दिन शीतला अष्टमी पर माता को बसौड़े का भोग अर्पित किया जाता है, जो एक दिन पहले ही तैयार किया जाता है। मान्यता है कि देवी माता शीतला की पूजा करने से भक्तों को शीतला यानी चेचक समेत सभी प्रकार का स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।