हाल ही में जारी की गई विश्व खुशहाली सूचकांक 2025 की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इस रिपोर्ट को लेकर आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर महाराज का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लिस्ट में भारत को 118वें नंबर पर रखा गया है। कई ऐसे देशों को भारत से ऊपर रखा गया है, जहां लगातार हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह लिस्ट हैरान करने वाली है। बता दें कि श्रीश्री रविशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं, जिन्होंने वाशिंगटन में कई सवालों के जवाब देते हुए भारत के मानवीय मूल्यों, सामाजिक रहन-सहन और समस्याओं पर राय रखी।
यह भी पढ़ें:महिलाओं को कब से मिलेंगे 2500 रुपये? आतिशी ने दिल्ली सरकार से पूछे ये सवाल
भारत में बीते एक दशक से उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं। संघर्ष वाले इलाकों में रह रहे लोगों में पहले से अधिक जुड़ाव देखने को मिला है। इस सूचकांक के लिए केवल जुड़ाव ही काफी नहीं है। रविशंकर के मुताबिक भारत की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। उन्होंने कई देशों की यात्रा की है। भारत में मानवीय मूल्य काफी बेहतर हैं। रविशंकर ने कहा कि भारत में अगर किसी परिवार पर संकट आता है तो पूरा गांव उनकी मदद के लिए आगे आता है। भारत में सामाजिक जुड़ाव काफी बेहतर है, समस्याएं भारत में भी हैं, हर देश में होती हैं। वास्तव में खुशी या नाखुशी गरीबी से जुड़ी नहीं हैं।
यूक्रेन भी लिस्ट में ऊपर
गौरतलब है कि हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार फिनलैंड को 8वीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना गया है। भारत को लिस्ट में 118वीं रैंकिंग मिली है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में पाकिस्तान और रूस के साथ युद्धग्रस्त यूक्रेन को रैंकिंग में ऊपर रखा गया है। हैरानी की बात यह है कि भारत से ज्यादा अच्छे हालात फिलिस्तीन के बताए गए हैं। भारत को ज्यादा अवसादग्रस्त व असंतुष्ट बताया गया है। इस लिस्ट के बाद अब दुनियाभर में नई बहस शुरू हो गई है।
भूटान को नहीं मिली कोई रैंकिंग
चौंकाने वाली बात यह भी है कि सकल खुशहाली सूचकांक का विचार देने वाले भूटान को कोई रैंकिंग नहीं मिली है। भूटान को पिछले वर्ष 2024 की रिपोर्ट में 79वीं रैंकिंग मिली थी। रिपोर्ट को श्रीश्री रविशंकर ने गलत बताया है। उन्होंने भारत के मजबूत सामाजिक बंधनों और मानवीय मूल्यों पर जोर देते हुए समुदाय की करुणा और सहयोग की भावना के बारे में बताया है। रविशंकर ने रैंकिंग की निंदा करते हुए कहा कि भारत को उन देशों से भी नीचे रखा गया है, जहां लगातार हिंसा हो रही है। ऐसे में उन देशों के हालत भारत से अधिक अच्छे और ज्यादा संतुष्ट करने वाले कैसे हो सकते हैं?
यह भी पढ़ें:दिल्ली नगर निगम में नामित 14 विधायक कौन? किस अहम काम में देंगे सहयोग