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कौन हैं कुलमान घिसिंग और ओम प्रकाश आर्यल, नेपाल की अंतरिम सरकार में बन सकते हैं कैबिनेट मंत्री

नेपाल में सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब कैबिनेट की चर्चा तेज हो गई है। हालांकि इस अंतिरम सरकार ने छोटी कैबिनेट होगी। इसमें सबसे प्रमुख नाम कुलमान घिसिंग और ओम प्रकाश आर्यल का चल रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

कुलमान घिसिंग और ओम प्रकाश आर्यल नेपाल में बन सकते हैं कैबिनेट मंत्री

नेपाल में अब अतंरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की बन गई हैं। अब कैबिनेट का विस्तार किए जाने की तैयारी है। रविवार को नेपाल के कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। बताया जा रहा है कि अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की मंत्रिमंडल का छोटा विस्तार करेंगी। इसमें करीब 15 सदस्य शामिल करने की संभावना है। जेनजी आंदोलन को देखते हुए कार्की मंत्रियों का चयर पार्टी के हिसाब से नहीं बल्कि जनमत से करेंगी। जेनजी की पसंद के हिसाब से कैबिनेट में शामिल होने के लिए 2 प्रमुख नाम चर्चा में हैं। एक कुलमान घिसिंग, दूसरा ओम प्रकाश आर्याल।

दोनों जेनजी की पसंद क्यो हैं?

नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) के कार्यकारी प्रमुख रहते हुए कुलमान घिसिंग ने अभूतपूर्व सुधार किए थे। साल 2016 में नेपाल में 17-18 घंटे तक बिजली गुल रहती थी। प्रभार संभालने के बाद घिसिंग ने काफी सुधार किए थे। घिसिंग ने नेपाल में मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके ही देश में लोड-शेडिंग को समाप्त कर दिया था। इससे वह जेनजी में काफी लोकप्रिय हुए। वहीं दूसरा नाम वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश आर्यल का है। इसी साल ओमप्रकाश आर्यल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगातकर पीएम ओली और मंत्रिमंडल पर एक मामले में कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था। सत्ता के खिलाफ अक्सर आर्यल याचिका दायर करते थे। इससे ये जेनजी की पसंद बने हुए हैं।

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कौन हैं कुलमान घिसिंग?

कुलमान घिसिंग का जन्म 25 नवंबर 1970 को बेथन, रामेछाप में हुआ था। इन्होंने भारत में आकर झारखंड के प्रौद्योगिकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर नेपाल में पुलचौक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई की। इसके बाद स्ट्रीम से हटकर उन्होंने एमबीए की डिग्री ली। साल 1994 में एनईए में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में घिसिंग ने अपना करियर शुरू किया था।

कार्की के को-ओर्डिनेटर रहे हैं आर्यल

ओम प्रकाश आर्यल का नाम भी कैबिनेट के लिए तेजी से चर्चा में है। जब सुशीला कार्की सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश थी तब ओम प्रकाश उनके को-ओर्डिनेटर थे। इस वजह से दोनों एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं। दोनों को एक दूसरे को समझने समझाने में कम से कम परेशानियां होगी, इससे महज 6 महीने के कम समय में वह स्थायी सरकार के लिए बेहतर चुनाव करा सकेंगे।

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