Where is Preah Vihear Temple: थाईलैंड ने कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक कर दिया है। दोनों देशों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में दोनों की सेना ने एक दूसरे पर जमकर गोलियां बरसाई थीं। ये पहली बार नहीं है जब दोनों देशों में खूनी संघर्ष हुआ हो। इससे पहले भी बीते मई में इन देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में कंबोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई थी।
विवाद का कारण है प्रीह विहार मंदिर (Preah Vihear Temple)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों देशों में विवाद का कारण प्रीह विहार मंदिर (Preah Vihear Temple) है। जानकारी के अनुसार यह मंदिर 11वीं शताब्दी का है और ये डांग्रेक पर्वत पर स्थित है। ये पर्वत दोनों देशों के बॉर्डर पर है। बताया जाता है कि दोनों देशों का विवाद साल 1907 में शुरू हुआ था। उस समय कंबोडिया फ्रांस का उपनिवेश था और फ्रांस ने एक नक्शा बनाया जिसमें प्रीह विहार मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा दिखाया था। जबकि थाईलैंड ने इस नक्शे को मानने से साफ इनकार कर दिया था। बस तभी से दोनों में जंग चली आ रही है।
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जब 'चाचा' कहने पर हुआ 'पंगा', थाईलैंड में हो गया था राजनीतिक संकट
थाईलैंड मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन इस विवाद में 'आग में घी' डालने का काम करता है, यही वजह है कि सालों से दोनों देश किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। बता दें कि कंबोडिया में चीन ने काफी निवेश किया हुआ है। यहां उसके रीम नौसेना बेस समेत अन्य प्रोजेक्ट चल रहे हैं। कंबोडिया की जमीन का इस्तेमाल कर चीन दुनिया के साउथ ईस्ट एरिया में अपना प्रभाव और कब्जा बढ़ाना चाहता है। चीन को कंबोडिया का साथ देते देख अमेरिका इस लड़ाई में थाईलैड की मदद कर रहा है। इसके अलावा बीते 2 जुलाई को थाईलैंड की पीएम पेटोंगटार्न शिनावात्रा को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया गया था। इसका कारण उनका फोन पर कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन को 'चाचा' कहकर संबोधित करना बताया गया है। स्थानीय कोर्ट ने इस मामले में शिनावात्रा को पन्द्रह दिन के भीतर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जा सकता है दोनों देशों का विवाद, कंबोडिया की तेज भंडार पर नजर
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवाद लंबे अरसे से नहीं सुलझ रहा है। ऐसे में अब ये मसला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में जा सकता है। दरअसल, बीते दिनों कंबोडिया ने इस विवाद को ICJ में ले जाने की धमकी दी है। कंबोडिया के इस बयान पर थाईलैंड ने जवाब दिया कि वह चाहता है कि उनका ये मामला आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाए। वहीं, दूसरी तरफ कंबोडिया की सरकार ने देश में नागरिकों के लिए सैन्य भर्ती अनिवार्य कर दी है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो कंबोडिया की नजर थाईलैंड के प्राकृतिक गैस और तेल के भंडार पर है। जबकि पूरा विश्व दोनों देशों के बीच इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
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