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मंगल को रहने लायक बना सकती है धूल! पानी भी हो सकता है रीस्टोर; वैज्ञानिकों ने खोज निकाला तरीका

Water on Mars: मंगल ग्रह पर लंबे समय से वैज्ञानिक जीवन की खोज और पानी की तलाश में जुटे हैं। लाल ग्रह को रहने लायक कैसे बनाया जाए? इसको लेकर लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। अब एक नई स्टडी रिपोर्ट सामने आई है। वैज्ञानिक एक खास तरीके से पानी की खोज लाल ग्रह पर करेंगे।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 13, 2024 19:15
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New Study Report: मंगल ग्रह को रहने लायक बनाने के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। मंगल ग्रह पर जीवन की खोज लंबे समय से जारी है। वैज्ञानिकों को पता है कि मंगल ग्रह की सतह में पानी का भंडार है। अब एक नई स्टडी रिपोर्ट सामने आई है। वैज्ञानिक पानी की खोज के लिए धूल का सहारा लेंगे। वहीं, दूसरा विचार सतह के तापमान को लगभग -65 डिग्री सेंटीग्रेड से बढ़ाने का है। लेकिन यह काम आसान नहीं है। इसके लिए वैज्ञानिकों को पृथ्वी से कच्चा माल ले जाना पड़ेगा। जो काफी महंगा पड़ेगा। इस पहले एक और रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें दावा किया गया था कि मंगल ग्रह पर पानी का विशाल भंडार हो सकता है। नासा के इनसाइट लैंडर के डेटा पर आधारित स्टडी में बताया गया है कि इस पानी से पूरे ग्रह को ढका जा सकता है।

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मंगल ग्रह पर सूक्ष्मजीवी जीवन के लिए भविष्य में अनुकूल परिस्थितियां बन सकती हैं। लेकिन इसे आसानी से हासिल कर पाना आसान नहीं है। नासा का इनसाइट लैंडर लगभग चार साल तक (2018 से 2022) धरती पर डेटा भेजता रहा था। सबसे पहले इसी ने भूकंपीय तरंगों के बारे में जानकारी दी थी। वहीं, नई स्टडी के मुताबिक ग्रह की सतह के 11-20 किलोमीटर नीचे पानी हो सकता है। सतह की जिन गहराइयों में पानी जमने की आशंका होती है, वहां तापमान पानी को तरल बनाए रखने के लिए गर्म होता है। मध्य परत के ऊपरी हिस्से में तापमान गर्म है। वहीं, परत के नीचे छिद्र बंद हो सकता है।

300 करोड़ साल पहले मंगल पर थीं नदियां

सैन डिएगो की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक वशन राइट ने ताजा स्टडी की है। जिसमें बताया गया है कि मंगल पर सतह के नीचे पानी की मौजूदगी का पता भूकंपीय तरंगों की गति के आधार पर लगाया गया है। इन तरंगों का ठीक से विश्लेषण किया गया था। अगर मंगल की चट्टानों का पूरा पानी निकाल लिया जाए तो 1-2 किलोमीटर का महासागर भरा जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार 300 करोड़ साल पहले मंगल पर झीलें, नदियां थीं। यह काफी गर्म था। स्टडी में सामने आया है कि पानी जमीन के अंदर रिस गया, अंतरिक्ष में नहीं गया।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 13, 2024 07:15 PM

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