अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने एक ऐसे अधिनियम पर हस्ताक्षर किए हैं, जो इन दिनों काफी चर्चा में है। इस कानून का नाम 'टेक इट डाउन एक्ट' रखा गया है। यह कानून रिवेंज पोर्न और डीपफेक से जुड़े मामलों को संबोधित करता है और ऑनलाइन यौन शोषण के लिए दंड का प्रावधान करता है। इस विधेयक को कानून बनाने में प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने भी इस अधिनियम से जुड़े दस्तावेज़ों पर प्रतीकात्मक हस्ताक्षर किए।
क्या होता है रिवेंज पोर्न?
रिवेंज पोर्न, जिसे आसान भाषा में "बदले की पोर्नोग्राफी" कहा जा सकता है, एक ऐसी आपराधिक गतिविधि है जिसमें किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी यौन रूप से स्पष्ट तस्वीरें या वीडियो ऑनलाइन साझा किए जाते हैं। यह आमतौर पर किसी पूर्व साथी या परिचित व्यक्ति द्वारा बदला लेने या मानसिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से किया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो, किसी से नाराज़गी या बदले की भावना के तहत उसके आपत्तिजनक वीडियो या फोटो को इंटरनेट पर डाल देना रिवेंज पोर्न कहलाता है।
क्या है नया कानून?
'टेक इट डाउन एक्ट' किसी भी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी अंतरंग तस्वीरें या वीडियो को "जानबूझकर प्रकाशित करना" या ऐसा करने की धमकी देना गैरकानूनी घोषित करता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाए गए डीपफेक कंटेंट को भी शामिल किया गया है। इस कानून के तहत वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों को ऐसी सामग्री की शिकायत मिलने के 48 घंटे के भीतर उसे हटाना अनिवार्य होगा। साथ ही, उसी सामग्री की डुप्लिकेट कॉपियों को भी प्लेटफ़ॉर्म से हटाना पड़ेगा।
मेलानिया ट्रंप ने किया था समर्थन
प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही इस विधेयक का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि बच्चों को "दुष्ट और आहत करने वाले ऑनलाइन व्यवहार" से बचाया जाना चाहिए। जब मेलानिया ट्रंप ने इस अधिनियम पर हस्ताक्षर करने में थोड़ी हिचकिचाहट दिखाई, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा, "चलो, वैसे भी इस पर हस्ताक्षर कर दो। वह इस पर हस्ताक्षर करने की हकदार हैं।"
क्या बोले राष्ट्रपति ट्रंप?
'टेक इट डाउन एक्ट' को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी की सहमति के बिना फोटो या वीडियो साझा करता है, उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है।" सार्वजनिक मंचों पर कम ही दिखाई देने वाली प्रथम महिला ने इस कानून को "एक राष्ट्रीय जीत" बताया, जो माता-पिता और परिवारों को अपने बच्चों को ऑनलाइन शोषण से बचाने में मदद करेगा।