US Venezuela Tension Update: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और अब अमेरिका ने कैरेबियन सागर में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर USS जेराल्ड फोर्ड को तैनात कर दिया है. 8 युद्धपोत, एक परमाणु पनडुब्बी और 75 F-35 लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं. इन सभी पर करीब 5000 सैनिक तैनात हैं. जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट के अनुसार, कैरेबियन सागर में अमेरिका की तैनाती पूरे लैटिन अमेरिका राजनीतिक तनाव को भड़का सकती है. वेनेजुएला के बहाने राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं.
वेनेजुएला पर नशा तस्करों को पनाह देने का आरोप
कैरेबियन सागर में अमेरिकी सेना की तैनाती को आज तक का सबसे बड़ा एंटी-नारकोटिक्स मिशन (मादक पदार्थ रोधी अभियान) कहा जा रहा है, वहीं अमेरिकी की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई भी कहा जा रहा है. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार निकोलस मादुरो के नेतृत्व वाली वेनेजुएलाई सरकार पर नशा तस्करों को शरण देने का आरोप लगाता रहा है. दोनों देशों के बीच विवाद को हवा तब मिली, जब ड्रग तस्करी का केंद्र मानते हुए डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने दूसरा कार्यकाल शुरू करते ही वेनेजुएला को नार्को-टेरर कार्टेल घोषित कर दिया. साथ ही ट्रेन डे अरागुआ गैंग को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित कर दिया.
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चुनाव में मादुरो की जीत को ट्रंप ने धांधली बताया
जुलाई 2024 में वेनेजुएला में राष्ट्रपति चुनाव हुए, जिनमें निकोलस मादुरो ने अपनी जीत का ऐलान किया और सरकार बनाने का दावा पेश किया. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने मादुरो की जीत को धांधली बताते हुए विपक्षी नेता एडमुंडो गोंजालेज को चुनाव का विजेता कहा. जनवरी 2025 में मादुरो सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हुआ तो अमेरिका ने वेनेजुएला पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए. विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो वेनेजुएला की मादुरो सरकार ने तानाशाही रूख अपनाते हुए नॉर्वे में दूतावास बंद कर दिया. साथ ही सैन्य तैनाती, हवाई हमले और कूटनीतिक झड़पें बढ़ गई.
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