UAE visa Ban effect india inside story: भारतीय नागरिकों पर संयुक्त अरब अमीरात की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. हालांकि 7 देशों में बैन के कारण यूएई भारत के साथ अन्य देशों से श्रमिकों की भर्ती कर सकता है, जिससे भारतीय पेशेवरों के लिए नई संभावनाएं भी पैदा हो सकती हैं. इसके कारण निर्माण और सेवा क्षेत्र में भारतीय श्रमिकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है. वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट ये भी बताती हैं कि दुबई जाने वाले भारतीय पर्यटकों के वीजा रिजेक्ट होने की दर में भी वृद्धि हुई है. यूएई की ओर से बैन किए देशों में भारत का नाम न होने के कारण भारतीयों को राहत जरूर मिली है. प्रतिबंधित किए गए नौ देशों में मुख्य रूप से अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देश शामिल हैं.
किन-किन देशों के टूरिस्ट और वर्क वीजा पर टेंपरेरी रोक
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में एक सीक्रेट इमीग्रेशन सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात ने जिन देशों के टूरिस्ट और वर्क वीजा पर टेंपरेरी रोक लगाई है, उन देशों में अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया, लेबनान, कैमरून, सूडान शामिल हैं. 2026 तक इन नौ देशों के निवासियों को यूएई में पर्यटक वीज़ा और वर्क परमिट के लिए आवेदन करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. यह नीति अनिश्चित काल तक जारी रहेगी. हालांकि बैन किए देशों में बांग्लादेश और युगांडा का नाम होने की बात सामने आई थी, लेकिन दोनों देशों ने इसपर ऐतराज जताया था.
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भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं
भारतीय नागरिकों पर यूएई में कोई पाबंदी नहीं है. अगर आपके पास यूएसए, यूके या ईयू देशों का वेलिड रेसीडेंसी पासपोर्ट है तो आप यूएई में वीजा ऑन अराइवल हासिल कर सकते हैं. ग्रीन कार्ड या ईयू और यूके रेसीडेंसी कार्ड वाले भारतीय भी 14 दिन के लिए संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर सकते हैं. भारतीय सिटीजन फिलहाल पूरी तरह सेफ हैं, लेकिन प्रभावित देशों के नागरिकों को अस्थाई रोक का सामना करना पड़ सकता है. यात्रा की योजना बनाने से पहले UAE की आधिकारिक एंबेसी के या consulate से latest information अवश्य लें.
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यूएई ने वीजा पर क्यों लगाया है बैन?
आधिकारिक तौर पर यूएई ने इस बैन को लेकर स्पष्टीकरण नहीं दिया, लेकिन अनौपचारिक रिपोर्ट में इसके पीछे की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताया गया है. यूएई ने पहले भी नेशनल सिक्योरिटी को लेकर ऐसे इंतजाम लागू किए हैं. इनमें डॉक्यूमेंट फ्रॉड, इलीगल रेसीडेंसी, पहचान संबंधी मुद्दों और झूठे दस्तावेज़ की वजह से ऐसे उपाय लागू किए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैध यूएई वीज़ा रखने वाले देशों के नागरिकों पर इसका असर नहीं होगा और उन्हें यूएई में रहने या काम करने का कानूनी अधिकार बना रहेगा.