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भारत का पीछा क्यों नहीं छोड़ रहा अमेरिका? रूसी तेल आयात का अमेरिकी वित्त मंत्री ने फिर छेड़ा राग

India-Russia Oil Trade: अमेरिका के भारत को लेकर दो रूप देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ वह कह रहा है कि अगर यूक्रेन और रूस के साथ बातचीत सफल रही तो भारत पर लगे अतिरिकत टैरिफ को टालने के बारे में सोचा जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका के मंत्रियों के भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर नए-नए बयान सामने आ रहे हैं।

Photo Credit- News24GFX

India-Russia Oil Trade: पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के टैरिफ की हर तरफ चर्चा है। टैरिफ का ऐलान दुनिया के कई देशों के लिए किया गया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति का ज्यादा फोकस केवल भारत पर ही देखने को मिल रहा है। कई जंग रुकवाने का दावा करने वाले ट्रंप अब रूस-यूक्रेन की जंग खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वह दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से मुलाकात भी कर चुके हैं। ट्रंप की मुलाकात किसी से भी हो, लेकिन इसमें भारत का जिक्र लगातार हो रहा है। एक बार फिर से अमेरिका ने भारत के रूस से तेल खरीदने का मुद्दा उठाया है। दरअसल, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भारत की आलोचना एक इंटरव्यू में की है।

रूस से जंग के बाद ज्यादा तेल खरीद रहा भारत

भारत पर उच्च टैरिफ का दबाव कायम रखने पर अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि 'मौजूदा व्यवस्था के तहत भारत सस्ते रूसी तेल की बड़ी मात्रा में खरीद कर उसे ज्यादा पैसों में बेच रहा है। इस प्रक्रिया से भारत को अब तक लगभग 16 अरब डॉलर का ज्यादा लाभ हुआ है।'

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बेसेन्ट ने कहा कि 'यूक्रेन युद्ध से पहले भारत की तेल आपूर्ति में रूस की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम थी, लेकिन अब यह बढ़कर 42 फीसदी तक पहुंच चुकी है।' उन्होंने कहा कि 'यह अवसरवादी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।'

27 अगस्त से लागू होगा 25 फीसदी टैरिफ

7 अगस्त से भारत पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इसके बाद अब अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त से लागू किया जाना है। हालांकि, इसको लेकर कई संभावनाएं जताई जा रही हैं। अब देखना होगा कि क्या आने वाले समय में ये टैरिफ लागू होता है या उसको आगे के लिए टाला जाएगा। कुछ दिन पहले रिपोर्ट्स सामने आईं कि अगर रूस और यूक्रेन से मीटिंग सफल रही तो भारत पर लगे अतिरिक्त टैरिफ के बारे में सोचा जा सकता है।

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