‘खाने-पानी को तरसते, पहनने को कपड़े नहीं’; ये हैं दुनिया के 10 सबसे गरीब देश, देखें IMF की लिस्ट
दुनिया के 10 सबसे गरीब देशों की हालत जिंदगी की असली हकीकत बयां करती है।
Top 10 World’s Poorest Countries: खाना-पानी नहीं, टूटे-फूटे घर, तन पर कपड़े नहीं, नौकरी-पैसा कुछ भी नहीं, महिलाओं और बच्चों की हालत ऐसी देखकर मन दुखी हो जाएगा। यह हालत है दुनिया के उन सबसे गरीब देशों की, जिनकी सूची अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जारी की है। आइए जानते हैं कि लिस्ट में किस-किस देश का नाम शामिल है और वे इतने गरीब क्यों हैं?
दक्षिण सूडान (जनसंख्या- 11,205,383)
दुनिया का सबसे नया और सबसे गरीब देश 2011 में अस्तित्व में आया था। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $25.83 बिलियन है। इस देश को शुरुआत से ही आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राजनीतिक अस्थिरता, अंदरुनी संघर्ष और सीमित बुनियादी ढांचा इसकी प्रगति में बाधक हैं। जनसंख्या पारंपरिक खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन इस देश की सरकार अपने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं।
बुरुंडी (जनसंख्या- 13,459,236)
दुनिया का दूसरा सबसे गरीब देश पूर्वी अफ्रीका का छोटा-सा देश बुरुंडी है। इस देश को IMF और वर्ल्ड बैंक दोनों ने सबसे गरीब देश बताया है। इसमें सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $3.06 बिलियन है। यहां की 90 प्रतिशत आबादी गरीबी की जीवन बिता रही है। उन्हें 2 वक्त की रोटी तक नहीं मिलती। राजनीतिक अस्थिरता, जातीय संघर्ष और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में इस देश को सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां की आबादी जीवनयापन के लिए खेती पर निर्भर है।
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (जनसंख्या- 5,849,358)
दुनिया के सबसे गरीब देशों में तीसरे नंबर पर मध्य अफ़्रीका का देश मध्य अफ़्रीकी गणराज्य भी है, क्योंकि यहां के लोग दाने-दाने के लिए तरसते हैं। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $3 बिलियन है। राजनीतिक अस्थिरता, लोगों के आपसी झगड़े और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यह देश आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। यूक्रेन-रूस में युद्ध, बाढ़ और सूखे के चक्कर में यहां चीजों के दाम इतने बढ़ जाते हैं, जितने लोग कमा नहीं पाते। परिणामस्वरूप लोगों को भूखा सोना पड़ता है।
कांगो (जनसंख्या- 104,354,615)
दुनिया के सबसे गरीब देशों की सूची में चौथे नंबर पर उप-सहारा अफ्रीका का सबसे बड़ा देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) है। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $15.42 बिलियन है। कोबाल्ट और तांबे जैसे प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद यह देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अधिकांश आबादी गरीबी का जीवन बिता रही है। करीब 62 प्रतिशत कांगो निवासी प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम कमाते हैं। कुपोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है।
मोज़ाम्बिक (जनसंख्या- 34,497,736)
मोज़ाम्बिक, एक कम आबादी वाला और संसाधन संपन्न देश है। यहां सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $23.96 बिलियन है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं, बीमारी-महामारियों, तेजी से जनसंख्या वृद्धि, कम कृषि उत्पादकता और धन असमानता के कारण यहां के लोगों को गरीबी का सामना करना पड़ता है। अपनी संसाधन समृद्धि और मजबूत GDP के बावजूद, यह देश दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, क्योंकि इस देश पर इस्लाम विद्रोही संगठन हमले करते रहते हैं।
मलावी (जनसंख्या- 21,390,465)
दुनिया के खूबसूरत देशों में से एक है। यहां का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $11.04 बिलियन है, लेकिन दक्षिणपूर्वी अफ्रीका का यह देश भी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है, क्योंकि इस देश के लोग खेतीबाड़ी पर निर्भर करते हैं और सिंचाई का एकमात्र साधन बारिश है। जलवायु परिवर्तन और खाने-पीने की चीजों में उतार-चढ़ाव के कारण लोग गरीबी का जीवन जीने को मजबूर हैं, जबकि देश की सरकार आर्थिक विविधीकरण को बढ़ावा देने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और गरीबी कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नाइजर (जनसंख्या- 27,844,740)
दुनिया के सबसे गरीबों देशों की सूची में 7वें नंबर पर पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $19.54 बिलियन है। यह देश 80 प्रतिशत सहारा रेगिस्तान में बसा है, लेकिन सीमित प्राकृतिक संसाधनों, लगातार सूखे और मुख्य रूप से खेतीबाड़ी पर निर्भरता के कारण इस देश के लोगों को आर्थिक चुनौतियों और हाई लेवल की गरीबी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में मरुस्थलीकरण इस देश के सबसे बड़ा खतरा है।
चाड (जनसंख्या- 18,633,140)
अफ्रीकी देश चाड दुनिया का सबसे गरीब और 8वां देश है। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $13.19 बिलियन है, लेकिन पर्याप्त तेल भंडार होने के बावजूद देश के लोगों को आर्थिक चुनौतियों और उच्च स्तर की गरीबी का सामना करना पड़ता है। इस देश की ज्यादातर आबादी वर्षा आधारित खेतीबाड़ी पर निर्भर करती है। मानवाधिकारों के हनन, राजनीतिक विरोध और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अभाव में यह देश विकास नहीं कर पा रहा।
लाइबेरिया (जनसंख्या- 5,492,486)
अफ्रीकी देश लाइबेरिया दुनिया का 9वां सबसे गरीब देश है। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $4.59 अरब है, लेकिन इस देश ने गृहयुद्ध और इबोला जैसी महामारी झेली है, जिस कारण यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। पूर्व फुटबॉल स्टार जॉर्ज वे 2018 में इस देश के राष्ट्रपति बने थे। वे भी मुद्रास्फीति की बढ़ती दर, बेरोजगारी और नकारात्मक आर्थिक विकास को नहीं रोक पाए। इंटरनेशनल लेवल पर इस देश को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर यहां के लोगों का भविष्य बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं।
मेडागास्कर (जनसंख्या- 28,812,195)
अफ्रीकी देश मैडागास्कार दुनिया के सबसे गरीब देशों में 10वें नंबर पर है। इस देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) $16.77 बिलियन है। जलवायु परिवर्तन और सूखे के कारण यहां के लोग जानवरों को खाकर जीने को मजबूर हैं। प्राकृतिक आपदाओं, कुपोषण के कारण हालात बदतर हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक सदस्य ने यहां के हालात देखे और चेताया कि इस देश में लोग ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहेंगे। गरीबी के कारण लोग भूखमरी का जीवन जी रहे हैं।
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