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बांग्लादेश में बगावत पर उतरी आवामी लीग, सरकार पर लगाए बड़े आरोप

12 फरवरी 2026 को बांग्लादेश में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को आवामी लीग ने खारिज कर दिया है. शेख हसीना की पार्टी ने इसे गैरकानूनी सरकार का गैरकानूनी चुनाव बताया है.

Credit: Social Media

बांग्लादेश में जैसे ही चुनाव की तारीखों का एलान हुआ, वैसे ही सियासी संकट बढ़ गया. शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग बगावत पर उतर आई. आवामी लीग ने 12 फरवरी को होने वाले चुनाव को सिरे से खारिज कर दिया. पार्टी ने इसे गैरकानूनी सरकार की गैरकानूनी योजना करार दे दिया. उन्होंने कहा कि इस माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष और चुनाव नहीं हो सकते. आवामी लीग ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए कहा कि बांग्लादेश अवामी लीग ने अवैध, कब्ज़ा करने वाले, हत्यारे-फासीवादी यूनुस गुट के अवैध चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम की बारीकी से समीक्षा की है। अब ये साफ है कि कब्ज़ा करने वाली सत्ता पूरी तरह से पक्षपाती है और उसके कंट्रोल में निष्पक्ष और सामान्य चुनाव संभव नहीं है. जहाँ पारदर्शिता, तटस्थता और जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व हो सके. बांग्लादेश अवामी लीग घोषित चुनाव कार्यक्रम को अस्वीकार करती है जो देश की ज्यादातर जनता के प्रतिनिधियों को बाहर रखता है.

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चुनाव से पहले आवामी लीग ने रखी शर्तें

आवामी लीग ने याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने अब तक हुए 13 चुनावों में से 9 जीते हैं और वो हमेशा जनता की इच्छा से सत्ता में आई है. आवामी लीग ने मांग की है कि चुनाव से पहले सरकार को कई अहम फैसले लेने चाहिए. जैसे कि पार्टी पर लगाया हुआ प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए, शेख हसीना और बाकी नेताओं पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया जाए, चुनाव के लिए एक केयरटेकर नियुक्त किया जाना चाहिए, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहाई मिलनी चाहिए.

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सरकार को आवामी लीग की चेतावनी

आवामी लीग ने सरकार को वॉर्निंग देते हुए कहा कि अगर वो पार्टी की इन शर्तों को नजरअंदाज कर इलेक्शन करवाती है तो जनता इसे नकार देगी. उन्होंने दावा किया कि आवामी लीग की भागीदारी के बिना चुनाव करवाना देश को गड्ढे में डालने के बराबर है. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ए.एम.एम नासिर ने 300 संसदीय सीटों पर 12 फरवरी 2026 को चुनाव कराने का एलान किया था. छात्र आंदोलन के बाद ये पहली वोटिंग होगी. 12 फरवरी को ही एक नेशनल जनमत संग्रह भी करवाया जाएगा.

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