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ईरान की सीक्रेट सर्विस ने रची यहूदियों की हत्या की साजिश! फ्रांस में एक्शन

Iran Secret Service: मई में पेरिस की एक अदालत ने एक जोड़े को हिरासत में लिया। उनपर आरोप था कि ये दोनों जर्मनी और फ्रांस में यहूदियों को मारने की ईरानी साजिशों में शामिल थे। उन्हें प्री-ट्रायल हिरासत में रखा। रिपोर्ट्स में कहा गया कि ऐसी हत्याओं का मकसद यहूदियों में डर पैदा करना है।

Iran Secret Service: इजराइल-हमास की जंग अभी भी जारी है, इसको लेकर दुनियाभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई देश इजरायल के साथ हैं तो कई फिलिस्तीन का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। इजराइल यहूदियों का देश है, इसी बीच यहूदियों की हत्या के मामले सामने आए। उसमें ईरान की सीक्रेट सर्विस पर साजिश के इल्जाम लगे। इस कड़ी में 4 मई को अब्देलक्रिम एस (34) और उसकी साथी सबरीना बी (33) नाम के एक जोड़े को गिरफ्तार किया गया। उनपर आरोप लगा कि दोनों ने एक आपराधिक आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर साजिश रची है।

टारगेट किलिंग के मामले आए सामने

फ्रांस के आंतरिक सुरक्षा महानिदेशालय (DGSI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले को मार्को पोलो के नाम से जाना जाता है। फ्रांसीसी समाचार वेबसाइट ने गुरुवार को खुलासा किया गया, यूरोप में ईरान फिर से आतंकवाद के मामले बढ़ा रहा है। फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि 2015 के बाद से ईरानी सीक्रेट सर्विस ने टारगेट किलिंग नीति फिर से शुरू कर दी है।' इसी के साथ इजराइल-हमास युद्ध का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। ये भी पढ़ें... Israel-Palestine War : क्या होता है व्हाइट फास्फोरस, जिसके इस्तेमाल को लेकर इजरायल पर लगे हैं गंभीर आरोप

एजेंसी का उद्देश्य डर पैदा करना

ईरानी खुफिया का कथित उद्देश्य नागरिकों को निशाना बनाना और यूरोप में यहूदियों और इजराइलियों के बीच डर पैदा करना था। ईरान पर ऐसे अभियान चलाने के लिए ड्रग माफियाओं समेत अपराधियों की भर्ती करने के भी इल्जाम हैं। गिरफ्तार किए गए अब्देलक्रिम एस की बात की जाए तो उनको पहले मार्सिले में एक हत्या के लिए 10 साल की सजा सुनाई गई थी और बाद में जुलाई 2023 में प्रोबेशन के तहत रिहा कर दिया गया था। अब्देलक्रिम के समूह का इरादा पेरिस में एक इजराइली सुरक्षा फर्म के पूर्व कर्मचारी और पेरिस में रहने वाले उसके तीन सहयोगियों पर हमला करना था। जांचकर्ताओं का मानना ​​​​है कि अब्देलक्रिम एस ने अपनी प्रोबेशन के बावजूद स्काउटिंग का कहकर जर्मनी की कई यात्राएं कीं, जिसमें अपनी पत्नी के साथ बर्लिन की यात्रा भी शामिल थी। उन्होंने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वो बस खरीदारी करने आए थे। हालांकि फ्रांस के दक्षिण में चार इजराइली स्वामित्व वाली कंपनियों में आग लगाने की साजिश में भी इनको आरोपी माना गया। ये भी पढ़ें... कारगिल जंग में शामिल थी पाकिस्तानी सेना, 25 साल बाद किसने कबूल किया सच?


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