युद्ध केवल हथियारों से लड़ी जाने वाली लड़ाई नहीं होती बल्कि यह इंसानियत की परीक्षा भी होती है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। एक रूसी महिला ओल्गा बिकवस्काया, ने अपने ही पति को यूक्रेनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के लिए उकसाया। यह सुनकर हर संवेदनशील व्यक्ति का दिल कांप उठेगा कि कोई इंसान इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। इस जघन्य अपराध के लिए अदालत ने उसे दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई। यह फैसला युद्ध अपराधों के खिलाफ न्याय की एक अहम जीत है।
युद्ध के दौरान महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक रूसी महिला ओल्गा बिकवस्काया, ने अपने पति को यूक्रेनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के लिए उकसाया। इस भयानक अपराध के लिए उसे 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी रूसी अखबार 'प्रवदा' ने दी है। यह घटना दिखाती है कि युद्ध के दौरान महिलाओं और आम लोगों पर कितने जुल्म हो रहे हैं। यूक्रेन में लगातार हिंसा, तबाही और लोगों की मौत हो रही है। यह घटना भी उसी क्रूरता का एक डरावना उदाहरण है।
गुप्त ऑडियो रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा
यूक्रेनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कीव की एक अदालत ने ओल्गा बिकवस्काया को गैर-मौजूदगी में दोषी ठहराया। उसे युद्ध के नियमों और इंसानियत के खिलाफ अपराध करने का गुनहगार माना गया और पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई। यह मामला तब सामने आया जब अप्रैल 2022 में यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (SSU) ने एक रूसी सैनिक और उसकी पत्नी की बातचीत रिकॉर्ड की। इस बातचीत में ओल्गा ने अपने पति से कहा कि वह यूक्रेनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर सकता है बस उसे सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
अंतरराष्ट्रीय वांछित लिस्ट में डाली गई अपराधी
यूक्रेन और रूस की रेडियो लिबर्टी के पत्रकारों ने इस दंपति की पहचान ओल्गा और रोमन बिकवस्की के रूप में की। वे इस समय क्रीमिया के फिओदोसिया इलाके में रहते हैं, जिस पर रूस ने गैरकानूनी रूप से कब्जा कर रखा है। जब यह मामला सामने आया, तो यूक्रेन की पुलिस ने ओल्गा बिकवस्काया के खिलाफ केस दर्ज किया और उसे अंतरराष्ट्रीय अपराधियों की सूची में डाल दिया। दिसंबर 2022 में जांच पूरी होने के बाद, अदालत में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई और अब उसे दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है।
युद्ध अपराधों पर सख्ती की जरूरत
यह मामला रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रहे जुल्मों का एक और डरावना उदाहरण है। इस युद्ध के दौरान आम लोगों खासकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। ओल्गा बिकवस्काया का यह अपराध अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और यूक्रेन सरकार की नजर में आया, जिसके बाद इसे अदालत तक पहुंचाया गया। हालांकि वह अभी रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में है, जिससे उसे गिरफ्तार करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन यह फैसला दिखाता है कि युद्ध अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे अपराधों पर और सख्ती होगी।