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रूस ने किया ‘ब्यूरवेस्टनिक’ मिसाइल का सफल परीक्षण, दुनिया बोली- ये मौत का मशीन

Russian Burevestnik Flying Chernobyl Nuclear Missile: रूस ने 13 असफलताओं के बाद परमाणु मिसाइल ‘ब्यूरवेस्टनिक’ का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को ‘मौत का मशीन’ बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल को ‘मौत की मशीन’ इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि ये कई हफ्तों तक हवा में रह सकती है। […]

Russian Burevestnik Flying Chernobyl Nuclear Missile: रूस ने 13 असफलताओं के बाद परमाणु मिसाइल 'ब्यूरवेस्टनिक' का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को 'मौत का मशीन' बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल को 'मौत की मशीन' इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि ये कई हफ्तों तक हवा में रह सकती है। साथ ही इस मिसाइल की संभावित सीमा हजारों मील है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस मिसाइल को 'उड़ने वाली चर्नोबिल' भी बताया जा रहा है। बता दें कि चर्नोबिल यूक्रेन का एक शहर है, जहां 37 साल पहले यानी 1986 में 26 अप्रैल को परमाणु हादसा हुआ था। चर्नोबिल के न्यक्लियर पावर प्लांट में बड़ा धमाका हुआ था जिसका असर 50 लाख लोगों पर पड़ा था। धमाके के बाद करीब 30 किलोमीटर के इलाके को खाली करा लिया गया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पुष्टि की है कि रूस ने एक खतरनाक परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जो हफ्तों तक हवा में रह सकती है। इससे पहले पुतिन इस बारे में चुप रहे थे कि उन्हें रूस में परमाणु हथियार परीक्षण के लिए हरी झंडी दी गई है या नहीं।

गुरुवार रात को 'मौत के मशीन' की घोषणा की

पुतिन ने गुरुवार रात को कहा कि मॉस्को ने परमाणु संचालित और परमाणु सक्षम क्रूज मिसाइल ब्यूरवेस्टनिक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन ने बार-बार परमाणु जंग की धमकी दी थी, अब उन्होंने 'ब्यूरवेस्टनिक' मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद कहा कि सही दिमाग वाला कोई भी व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी पास इतनी संख्या में मिसाइलें हैं, जिसके आगे किसी भी दुश्मन के बचने की कोई संभावना नहीं रहेगी।

1990 के बाद से रूस ने नहीं किया एक भी परमाणु परीक्षण

सोवियत संघ के पतन से एक साल पहले यानी 1990 के बाद से रूस ने परमाणु परीक्षण नहीं किया है। इस मामले को लेकर सैन्य विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि रूस, अमेरिका या दोनों ने फिर से परीक्षण शुरू किया तो यह दोनों देशों के बीच उच्च तनाव पैदा करने वाला होगा। बता दें कि इसी साल फरवरी में, पुतिन ने नई START संधि में रूस की भागीदारी को निलंबित कर दिया था। नई START संधि के मुताबिक, प्रत्येक देश की ओर से उपयोग किए जा सकने वाले परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करना है। बता दें कि हाल ही में पुतिन ने खुले तौर पर कहा है कि वह रूस के खिलाफ हमले के जवाब में परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने से नहीं डरेंगे।


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