भारत और पाकिस्तान में सीजफायर के बाद रूस और यूक्रेन में भी सीजफायर हो सकता है। आज 3 साल में पहली बार रूस और यूक्रेन में सीजफायर को लेकर बात होगी। दोनों देशों के बीच तुर्किए के इस्तांबुल में शांति वार्ता होगी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ही 3 साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने शांति वार्ता का न्योता दिया था।
अब तक दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच साल 2019 में एक बार ही मुलाकात हुई है। साल 2020 में मुलाकात होने की संभावनाएं बनी थीं, लेकिन मुलाकात हो नहीं पाई। वहीं आज होने वाली रूस-यूक्रेन मीटिंग के लिए रूस ने अपने प्रतिनिधिमंडल की घोषणा कर दी है, लेकिन प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रपति पुतिन का नाम नहीं है तो चर्चा है कि पुतिन जेलेंस्की से बातचीत करने नहीं आएंगे।
रूसी प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन होगा?
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शांति वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल की घोषणा कर दी है। क्रेमलिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की प्रतिनिधिमंडल के लीडर होंगे। उप-विदेश मंत्री मिखाइल गालुजिन, उप-रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन और इगोर कोस्ट्युकोव प्रतिनिधिमंडल के सदस्य होंगे।
पुतिन ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए विशेषज्ञों का एक समूह भी बनाया है। इसमें सूचना विभाग के प्रथम उप-प्रमुख अलेक्जेंडर जोरिन, राष्ट्रपति निदेशालय की उप-प्रमुख येलेना पोडोब्रेयेव्स्काया, विदेश मंत्रालय में दूसरे CIS विभाग के निदेशक एलेक्सी पोलिशचुक और रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग निदेशालय के उप-प्रमुख विक्टर शेवत्सोव शामिल होंगे।
फरवरी 2022 से चल रही जंग
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले 11 साल से चल रही है। फरवरी 2014 में युद्ध शुरू हुआ था। 24 फरवरी 2022 को फिर दोनों देशों में आक्रामक युद्ध शुरू हुआ और तब से अब तक दोनों देश एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। यूक्रेन के हमलों में अब तक रूस के 652 नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं रूस ने यूक्रेन की बिजली संयंत्रों पर हमला किया है। यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को सैन्य समर्थन दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज और पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने हाल ही में जेलेंस्की से मुलाकात भी की थी। दोनों देशों में युद्ध विराम को यूरोपीय संघ और अमेरिका दोनों से समर्थन मिला है। यूक्रेन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड के नेताओं ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने सीजफायर नहीं किया तो वे मिलकर रूस के खिलाफ यूक्रेन को सैन्य समर्थन देंगे।