Russia Powerfull Weapons: अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए दबाव डाला हुआ है, लेकिन रूस पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा, बल्कि रूस अपनी ताकत का प्रदर्शन करके अमेरिका समेत पूरी दुनिया को चेतावनी दे रहा है कि रूस किसी के दबाव में नहीं आएगा और जो पंगा लेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. इसलिए रूस ने पिछले 12 दिन में 3 खतरनाक हथियार दुनिया के सामने पेश किए हैं, जो न सिर्फ आसमान से बल्कि हवा और पानी में रहकर तबाही मचाने में सक्षम हैं, आइए इन तीनों हथियारों के बारे में जानते हैं…
बुरेवस्तनिक क्रूज मिसाइल
बुरेवस्तनिक क्रूज मिसाइल दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड मिसाइल है, जिसे बनाने की घोषणा रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने साल 2018 में की थी और अब 21 अक्टूबर 2025 को इसकी टेस्टिंग की गई. रूस की योजना साल 2027 तक इस मिसाइल को तैनात करने की है. वहीं इस मिसाइल से रूस की परमाणु शक्ति और मजबूत हो गई है. इस मिसाइल का ऑफिशियल नेम 9M730 बुरेवस्तनिक और NATO कोडनेम SSC-X-9 स्काईफॉल है. जमीन से लॉन्च की जाने वाली इस मिसाइल की रेंज असीमित है और कोई भी डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को रोक या भेद नहीं सकता.
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रूस ने अमेरिका के गोल्डन डोम या आयरन डोम को भेदने के लिए इस मिसाइल को डिजाइन किया है. यह मिसाइल कम ऊंचाई पर फ्लाई करती है और अपना रास्ता बदलने में भी सक्षम है. परमाणु हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के लिए इस मिसाइल को इस्तेमाल किया जा सकता है, जिस विशेषज्ञों ने फ्लाइंग चेर्नोबिल कहा है, क्योंकि टारगेट से टकराव होने पर इस मिसाइल से रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव होगा, जो जानलेवा साबित हो सकता है. मिसाइल का वजन 2 से 3 टन और लंबाई 7 से 8 मीटर है. इसकी स्पीड 900 से 1100 किलोमीटर प्रति घंटा और रेंज असीमित है.
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टेस्टिंग के दौराना मिसाइल ने 14000 किलोमीटर (8700 मील) की दूरी तय की और यह 50 मीटर की ऊंचाई तक फ्लाई कर सकती है. 100 किलो टन परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल परमाणु ऊर्जा से लॉन्च होगी, जो इसे दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को चकमा देने और हवा में कई घंटे या कई दिन तक रखने में सक्षम बनाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिसाइल को खतरा बताया. यूरोपीय संघ और नॉर्वे ने भी इसे खतरनाक कहा है और चीन ने इस मिसाइल पर खास ध्यान दिया है. वहीं अगर युद्ध खत्म नहीं हुआ तो यह मिसाइल यूक्रेन के लिए खतरा बन सकती है.
पोसाइडन टॉरपीडो
पोसाइडन टॉरपीडो न्यूक्लियर पावर्ड ड्रोन है, जिसे पानी के अंदर से पानी के अंदर ही लॉन्च किया जा सकता है. साल 2018 में राष्ट्रपति पुतिन ने इसकी घोषणा की थी. साल 2015 से इस मिसाइल को डिजाइन और विकसित किया जा रहा है, जिसका पहला टेस्ट आर्कटिक महासागर में साल 2016 में किया गया था. साल 2023 में पहला टॉरपीडो बनाया गया और अब 29 अक्टूबर को इसका सफल परीक्षण किया गया. रूस की योजना 30 टॉपरीडो बनाने की है.
इस टॉरपीडो से रूस की नौसेना मजबूत होगी और यूक्रेन से युद्ध के चलते आ रहे दबाव के जवाब में रूस ने इस टॉरपीडो की टेस्टिंग करके ताकत का प्रदर्शन किया है. पोसाइडन टॉरपीडो करीब 20 मीटर (66 फीट) लंबा है और इसका व्यास 1.8-2 मीटर (6 फीट) है. 40 से 100 टन वजन वाला टॉरपीडो 185 किलोमीटर प्रति घंटा (100 नॉट्स) की स्पीड से हमला कर सकता है. इसकी रेंज असीमित है और 1000 मीटर की गहराई में इस टॉरपीडो से हमला किया जा सकता है.
यह टॉरपीडो समुद्र तटीय शहरों को नष्ट करने में सक्षम है. विमानवाहक जहाजों को भी इससे टारगेट किया जा सकता है. बेलगोरोड (प्रोजेक्ट 09852) और खबरोवस्क (प्रोजेक्ट 09851) पनडुब्बी से इस टॉरपीडो को लॉन्च कर सकते हैं और एक पनडुब्बी ऐसे 6 टॉरपीडो लॉन्च करने में सक्षम है. इस टॉरपीडो के टकराने से धमाका होगा, जिससे 500 मीटर ऊंची रेडियोधर्मी सुनामी पैदा हो सकती है, जिससे लाखों लोगों की जान को खतरा हो सकता है.
खाबरोवस्क पनडुब्बी
खाबरोवस्क पनडुब्बी न्यूक्लियर पॉवर्ड सबमरीन है, जो पोसाइडन टॉरपीडो को लॉन्च करने के लिए डिजाइन की गई है. रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव और नौसेना प्रमुख एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेयेव की मौजूदगी में 1 नवंबर 2025 को सेवरोडविंस्क के सेवमाश शिपयार्ड से पनडुब्बी को लॉन्च किया गया. अमेरिका के मिसाइल डिफेंस सिस्टम का मुकाबला करने के लिए इस पनडुब्बी को विकसित किया गया है. साल 2012 में इस पनडुब्बी के लिए डील की गई थी.
साल 2018 में इसे लॉन्च करने की तैयारी थी, लेकिन निर्माण में देरी के कारण पनडुब्बी को लॉन्च नहीं किया जा सका. अब लॉन्चिंग के बाद रूस की प्लानिंग साल 2028 से 2035 के बीच कई पनडुब्बियां लॉन्च करने की है. खाबरोवस्क पनडुब्बी समुद्र तटीय शहरों या विमानवाहक जहाजों को टारगेट कर सकती है. इसकी लंबाई लगभग 120 मीटर और व्यास 13 से 16 मीटर है. करीब 10000 टन वजन के साथ यह पनडुब्बी 37 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड से 500 मीटर की गहराई में जा सकती है.
यह पनडुब्बी 6 पोसाइडन टॉरपीडो और क्रूज मिसाइलें लॉन्च करने में सक्षम हैं और इसके क्रू में 80 से 100 मेंबर हो सकते हैं. अपनी समुद्री रक्षा के लिए रूस ने इस पनडुब्बी को डिजाइन और लॉन्च किया है. प्रशांत महासागर के बेड़े में इस पनडुब्बी को शामिल करने की योजना है और लेकिन यूक्रेन से युद्ध खत्म करने के दबाव के बीच यह पनडुब्बी नाटो देशों के लिए खतरा है.