NSA से मुलाकात के बाद पीएम ने किया पोस्ट
अमेरिकी एनएसए से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने पोस्ट कर बैठक की जानकारी दी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा,'एनएसए माइकल वाल्ट्ज के साथ एक सार्थक बैठक हुई। वे हमेशा से भारत के बहुत अच्छे मित्र रहे हैं। रक्षा, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा भारत-अमेरिका संबंधों के महत्वपूर्ण पहलू हैं और हमने इन मुद्दों पर शानदार चर्चा की। एआई, सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में सहयोग की प्रबल संभावना है। बता दें कि माइकक वॉल्ट्ज ट्रंप के नए प्रशासन में शामिल उन प्रभावशाली हस्तियों में से हैं जो भारत के साथ संबंधों को काफी अहमियत देते हैं और भारत के हितों को लेकर संवेदनशील रहे हैं।बच्चों के साथ पीएम मोदी से मिलने पहुंचे मस्क
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस पहुंचे हैं। मस्क के साथ उनके तीनों बच्चे भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में द्विपक्षीय बैठक चल रही है। बैठक के दौरान एलन मस्क ने पीएम मोदी को एक उपहार भी दिया।माइकल वाल्ट्ज ने पीएम मोदी से की मुलाकात
ट्रंप के साथ मुलाकात से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइकल वाल्ट्ज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की। यह बैठक वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी शामिल हुए। अब थोड़ी देर में पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क से भी मुलाकात करेंगे।ट्रंप आज रात करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
डोनाल्ड ट्रंप आज रात 11.30 बजे (भारतीय समयानुसार) प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और वे नए पारस्परिक टैरिफ की घोषणा कर सकते हैं। यह अपडेट व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात से से कुछ घंटे पहले आया है।बैठक से पहले ट्रंप ने किया टैरिफ को लेकर पोस्ट
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी निर्धारित बैठक से कुछ घंटे पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ (Truth Social) पर एक पोस्ट लिखकर अटकलों को हवा दे दी है। इसमें उन्होंने व्यापार को लेकर बड़े कदम का संकेत दिया है। इन्होंने टैरिफ को लेकर लिखा कि 'आज सबसे बड़ा दिन है'। पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक के दौरान टैरिफ पर चर्चा होने की उम्मीद है। इससे पहले ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा, "तीन महान हफ्ते, शायद अब तक के सबसे अच्छे, लेकिन आज सबसे बड़ा दिन है, पारस्परिक टैरिफ। अमेरिका को फिर से महान बनाएं।" इस बयान से पता चलता है कि अमेरिका गुरुवार को पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) की घोषणा करेगा, जो आर्थिक नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।आज हो सकती है यह बड़ी घोषणा
पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) एक ऐसी नीति है, जो अमेरिकी आयात शुल्क को अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैक्स के साथ मिलाएगी। इस कदम से वैश्विक व्यापार में और मुश्किल आने की उम्मीद है। ट्रंप ने लंबे समय से उन चीजों की आलोचना की है जिन्हें वे अनुचित व्यापार प्रथा मानते हैं और उनके प्रशासन ने पहले भी अन्य देशों पर अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने का दबाव बनाया था। राष्ट्रपति ट्रंप आज उन देशों की लिस्ट की घोषणा कर सकते हैं जिन पर पारस्परिक टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने हाल ही में संकेत दिया कि इस नीति पर डिटेल आदेश बुधवार या गुरुवार तक जारी किया जाएगा। जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि हर देश पारस्परिक रूप से ऐसा करेगा। उनकी यह घोषणा पीएम मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा से ठीक पहले की गई थी।
क्या है पारस्परिक टैरिफ?
पारस्परिक टैरिफ दूसरे देश से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए टैक्स होते हैं। पारस्परिक शुल्क के लिए चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने वादा किया था। ट्रंप ने कहा था कि "एक आंख के बदले एक आंख, एक टैरिफ के बदले एक टैरिफ, बिल्कुल एक ही राशि।" जानकार बताते हैं कि इसके पीछे का दृष्टिकोण यह है कि आयात पर टैरिफ दरों को उसी दर से बढ़ाया जाए जो अन्य देश अमेरिकी उत्पादों पर लागू करते हैं। विभिन्न उत्पादों के आधार पर इसका मिलान करने से अमेरिका की औसत टैरिफ दर में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
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भारत 'टैरिफ किंग': ट्रंप
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को "टैरिफ किंग" कहा है क्योंकि, भारत का औसत आयात शुल्क 14 फीसदी है, जो चीन और कनाडा की तुलना में काफी अधिक है। अमेरिका की यह नीति अन्य देशों द्वारा अमेरिकी निर्यात पर लगाए गए शुल्क दरों के अनुसार शुल्क तय करने का प्रस्ताव देती है। यदि कोई देश, जैसे भारत अमेरिकी ऑटोमोबाइल पर 25 फीसदी शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर वही दर लागू करेगा। ट्रंप की इस घोषणा ने अर्थशास्त्रियों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इस कदम से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से आने वाले उत्पादों पर शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। भारत और थाईलैंड जैसे देशों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि, ये देश अमेरिकी उत्पादों पर पहले से ही ज्यादा शुल्क लगाते आ रहे हैं।---विज्ञापन---