RusAir Flight 9605 Crash: 23 हजार फीट की ऊंचाई पर घना कोहरा था तो पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग के लिए अप्रोच किया। लैंडिंग करते समय कम दृश्यता के कारण रनवे नजर नहीं आया और जहाज 49 फीट लंबे पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। जहाज पहले पेड़ से टकराया और उछलने के बाद जमीन पर लगा, जिससे जहाज के टुकड़े-टुकड़े हो गए। उसमें आग लगने से 47 पैसेंजर जिंदा जलकर मर गए। रनवे पर लोगों की जली हुई लाशें और जला हुआ सामान बिखरा मिला।
केवल 5 पैसेंजर बचाए जा सके, जो बुरी तरह झुलस गए थे। हादसे कारण पायलटों को मौसम का सही अनुमान न होना, घने कोहरे से कम दृश्यता में रनवे नजर न आना, पायलटों का गो-अराउंड करने में विफल होना माना गया। इनके परिणामस्वरूप जहाज की पेड़ों से टक्कर हुई और वह जमीन से टकराकर धमाके के साथ क्रैश हो गया।
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डोमेस्टिक फ्लाइट थी और देवदार से पेड़ से टक्कर हुई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 13 साल पहले 20 जून 2011 को रूस में हुआ था। रुसएयर फ्लाइट 9605 ने एक ट्विन इंजन वाले टुपोलेव TU-134A-3 प्लेन में उड़ान भरी थी। रूस से डोमोडेडोवो हवाई अड्डे से प्लेन ने टेकऑफ किया और पेट्रोज़ावोडस्क हवाई अड्डे पर लैंड करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण रूस के करेलिया गणराज्य में पेट्रोज़ावोडस्क के पास घने कोहरे में इमरजेंसी लैंडिंग का प्रयास करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
रनवे पर आने से करीब 1200 मीटर (3,900 फीट) पहले हादसा हुआ था। घना कोहरा था और जहाज क्रैश होने से पहले 15 मीटर (49 फीट) ऊंचे देवदार के पेड़ से टकराया था। टक्कर से पहले प्लेन में कोई खराबी नहीं थी। प्लेन में 43 पैसेंजर और 9 क्रू मेंबर्स थे। कुल 52 लोगों में से 47 की मौत हो गई थी और 5 घायल हुए। बचे हुए लोगों में से एक फ्लाइट अटेंडेंट शामिल था।
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हादसाग्रस्त हुए जहाज की सीरीज को सेवाओं से हटाया गया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में घायल हुए 3 लोगों की उपचार के दौरान मौत हुई थी। पीड़ितों में फीफा फुटबाल रेफरी व्लादिमीर पेटे , गिड्रोप्रेस के CEO और मुख्य डिजाइनर सर्गेई रियाजोव और डिप्टी CEO और मुख्य डिजाइनर गेनाडी बान्युक, भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र और ईरान में बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए रूसी VVER-1000 के मुख्य डिजाइनर निकोलाई ट्रुनोव भी शामिल थे।
घायलों को शुरू में स्थानीय अस्पतालों में भेजा गया, लेकिन उन्हें डॉक्टरों और मनोवैज्ञानिकों के साथ इल्युशिन आईएल-76 के ज़रिए मॉस्को ले जाने की योजना बनाई गई। 23 जून को रूस के सरकारी अधिकारियों के एक सम्मेलन में यह घोषणा की गई कि हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने सभी टीयू-134 को कमर्शियल सर्विस से हटाने का फैसला लिया है।
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