पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बता दें कि बीएलए पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मौजूद सक्रिय आतंकी गुट है, जिसका चीफ डॉ. अल्लाह नजर बलूच है। बलूच का गुट इससे पहले कई पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। 2007 से बलूचिस्तान में अब तक 38 पत्रकारों की हत्या की बात बीएलए कबूल चुका है।
ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान ने बताया ट्रेन हाईजैक के पीछे भारत का हाथ, PM के सलाहकार ने उगला जहर!
बीएलए के चीफ बलूच ने हाल ही में पाकिस्तान के स्कूलों पर हमले करने की भी धमकी दी थी। बलूच का जन्म 2 अक्टूबर 1968 को अवारन के सुदूर इलाके में हुआ था, जिसे मेही मश्के भी कहा जाता है। अवारन बलूचिस्तान के दक्षिण में स्थित जिला है। बलूच ने 2002 में छात्र संगठन 'आजाद' की स्थापना की थी। इसके बाद ये गुट हिंसक गतिविधियों में शामिल हो गया था। इससे पहले बलूच एक डॉक्टर था, जिसे गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।
2003 में किया था संघर्ष का ऐलान
2003 में बलूच ने पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का ऐलान किया था। इसके बाद वह भूमिगत हो गया था। बलूच को 25 मार्च 2005 को कराची शहर में सुरक्षा एजेंसियों ने उस समय अरेस्ट किया था, जब वह दोस्तों से मिलने आया था। 2008 में उसने पाकिस्तानी एजेंसियों से समझौता किया था कि अब आतंकी गतिविधियों से दूर रहेगा, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था। इसके बाद बलूच समझौते से मुकर गया और दोबारा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया।
यह भी पढ़ें:पाकिस्तान में क्यों हुई ट्रेन हाईजैक? BLA ने ऑडियो मैसेज जारी कर बताई ये वजह
उसका भाई और भतीजा भी बीएलए का हिस्सा रह चुके हैं, जो 2015 में मारे गए थे। बलूच का चचेरा भाई ईद मोहम्मद उर्फ सना भी बीएलए में शामिल था, जिसने 2016 में सरेंडर कर दिया था। ईद ने मीडिया के सामने दावा किया था कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने बलूचिस्तान के लोगों पर जुल्म किए हैं।
क्या है बीएलए की मांग?
30 जुलाई 2017 को बलूच ने पाकिस्तान में स्कूली बच्चों पर हमले करने की धमकी दी थी। 31 अक्टूबर 2017 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था, जो अवैध रूप से अफगानिस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे थे। बाद में पता चला कि इनमें बलूच की पत्नी फजेला बलूच भी शामिल थी। बाद में 2 नवंबर 2017 को उसे रिहा कर दिया गया था। बीएलए की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अगल कर नया मुल्क घोषित किया जाए।