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अफगानिस्तान को भीषण हमले की धमकी, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री बोले- शांति समझौता नहीं किया तो खुली जंग लड़ेंगे

Pakistan Afghanistan War: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 10 अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. 15 अक्टूबर को अस्थायी युद्धविराम हुआ और अब स्थायी सीजफायर के लिए इस्तांबुल में बातचीत चल रही है. इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को सीधी और खुली जंग की धमकी दे दी.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को खुली धमकी दी है.

Pakistan Afghanistan War Update: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अब इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता फेल हुई तो खुली जंग होगी, अफगानिस्तान इसके लिए तैयार रहे. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की धमकी पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, वहीं आसिफ का कहना है कि अभी सीमा पर शांति है और यह बनी रहे, इसके लिए कूटनीति सफल करनी ही होगी.

9 अक्टूबर को शुरू हुआ संघर्ष

बता दें कि पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए अफगानिस्तान पर 9 अक्टूबर की रात को हमला किया. काबुल में TTP के ठिकानों पर हवाई हमले करके तबाही मचाई. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर ISIS के आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगाकर जवाबी हमला किया. फिर दोनों देशों ने एक दूसरे पर सीमा विवाद और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का आरोप लगाया.

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सैनिकों के साथ मारे गए आम लोग

5 दिन डूरंड लाइन पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं में खूनी झड़पें हुईं. सैनिकों के साथ-साथ आम लोग भी मारे गए. अफगानिस्तान के क्रिकेटर्स ने भी जान गंवाई. सेनाओं ने एक दूसरे की सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया. तनाव बढ़ता देखकर कतर ने मध्यस्थता ऑफर की और दोहा में दोनों देशों को आमने-सामने बिठाकार 2 दिन का अस्थायी युद्धविराम कराया, लेकिन युद्धविराम पूरे 2 दिन तक टिक नहीं पाया.

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यह भी पढ़ें: पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी, ग्रे लिस्ट से बाहर आने का मतलब यह नहीं कि आतंकवाद को फंडिंग करते रहोगे

4 मुद्दों पर चल रही है शांति वार्ता

बीते दिन तुर्की के इस्तांबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान की दूसरे दौर की शांति वार्ता शुरू हुई, जो अभी चल रही है. इस वार्ता में भविष्य में दोनों देशों के बीच होने वाली हिंसा को रोकने के लिए जॉइंट सिस्टम बनाने, एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान सुनिश्चित करने, पाकिस्तान के सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करना और व्यापार प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा हो रही है. अफगान शरणार्थियों के जबरन निर्वासन को रोकने और शरणार्थी मुद्दे को राजनीति से दूर रखने पर भी चर्चा शामिल है.


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