पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान को मिली बड़ी राहत, Cypher Case में सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत; क्या जेल से होंगे रिहा?
Cypher Case में इमरान खान को मिली जमानत
Imran Khan Bail: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सिफर मामले (Cypher Case) में बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी। उनके साथ ही पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी जमानत दी गई है।
10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने का निर्देश
डॉन के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को 10 लाख रुपये का जमानती बांड भरने का निर्देश दिया है। यह फैसला जस्टिस सरदार तारिक मसूद के अध्यक्षता वाली जस्टिस अतहर मिनाल्लाह और सैयद मंसूर अली शाह की पीठ ने पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
इमरान और कुरैशी को 13 दिसंबर को दूसरी बार दोषी ठहराया गया, जिसके बाद स्पेशल कोर्ट (ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट) ने पिछले हफ्ते अदियाला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में साइबर ट्रायल फिर से शुरू किया।
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इमरान और कुरैशी पर गंभीर आरोप
सिफर मामले में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत 15 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें इमरान और कुरैशी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसमें पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी आजम खान और पूर्व योजना मंत्री असद उमर को भी शामिल किया गया है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो ने की उम्मीद है। एफआईआर गृह सचिव की शिकायत के आधार पर दर्ज कराई गई थी।
एआरवाई न्यूज के मुताबिक, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इमरान ने आजम खान को सिफर की सामग्री में हेरफेर करने के लिए कहा था। उन्होंने जानबूझकर सिफर की एक प्रति अपने पास रखी, जिसे पीएम ऑफिस भेजा गया था।
क्या है सिफर मामला?
सिफर एक राजनीतिक दस्तावेज है। संघीय एजेंसियों का आरोप है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया। वहीं, पीटीआई का दावा है कि दस्तावेज में अमेरिका ने इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटाने की धमकी दी है।
क्या इमरान खान को जेल से रिहा किया जाएगा?
सिफर मामले में जमानत मिलने के बाद भी इमरान खान को रिहा नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। इससे पहले, अगस्त में इमरान को तोशाखाना मामले में भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने तीन साल की जेल और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
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जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 140 मिलियन रुपये यानी 490,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक के सरकारी उपहार को बेचने का आरोप है।
पिछले महीन पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने सुप्रीम कोर्ट में इमरान की गिरफ्तारी के बाद जमानत की मांग की थी। इस दौरान उसने तर्क दिया था कि जमानत को सजा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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