Pakistan military leadership crisis: पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भले ही नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाने का फैसला हुआ हो, लेकिन उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया में संविधानिक अड़चन आ गई है. इससे पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को लेकर बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है. सूत्र बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी फिर एक्टिव हो गए हैं. इधर, शहबाज शरीफ ने असीम मुनीर को असीम शक्ति प्रदान की, लेकिन अनिवार्य नोटिफिकेशन पर साइन से पहले शहबाज शरीफ पहले बहरीन और फिर लंदन रवाना हो गए. नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बोर्ड के पूर्व सदस्य तिलक देवेशर ने दावा किया कि पीएम जानबूझकर देश के बाहर गए हैं, ताकि उन्हें नोटिफिकेशन न जारी करना पड़े.
गौरतलब है कि 29 दिसंबर तक आसिम मुनीर की नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) पद पर नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी होना था, जोकि पीएम शहबाज के साइन न होने के कारण जारी नहीं हो पाया.
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आसिम मुनीर का खत्म हो चुका है कार्यकाल
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिम मुनीर का पाकिस्तान के सेना प्रमुख का तीन साल का कार्यकाल बीते 29 नवंबर को खत्म हो गया और सीडीएफ पद के लिए अगर नया नोटिफिकेशन जारी न हुआ तो पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व का संकट पैदा होना तय है. इन हालात को गंभीर इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि नई व्यवस्था के अनुसार, CDF के अधीन ही न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी का पद भी है. तिलक देवेशर ने पाकिस्तान के लिए इस स्थिति को चिंताजनक बताया.
उन्होंने माना कि पाकिस्तान जैसे परमाणु-सक्षम देश को बिना सैन्य प्रमुख छोड़कर देना सही नहीं. शहबाज सरकार को इस बारे में जल्द फैसला लेना होगा. वहीं, कानून विशेषज्ञ भी इस मुद्दे को लेकर बंटे हुए हैं. कुछ मानते हैं कि पाकिस्तान में पहले सैन्य प्रमुख का कार्यकाल 3 साल का था, लेकिन नए आर्मी एक्ट 2024 में इसे बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया था, वहीं कुछ शहबाज सरकार के नोटिफिकेशन जारी करने को जरूरी मानते हैं.
नवाज शरीफ भी मुनीर के साथ कर सकते हैं खेल
सूत्र बताते हैं कि नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ पीएमएन एल की पार्टी बहुमत में आ गई है और अब उसे किसी फैसले के लिए सत्ताधारी पार्टी के दवाब में नहीं आएगी. इस मकसद के लिए वह संविधान में 28वां एमेंडमेंट लाने पर विचार कर रहे हैं. इस बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि नवाज शरीफ नहीं चाहते कि असीम मुनीर सीडीएफ बनें. सूत्र यह भी बताते हैं कि आर्मी के अंदर भी असीम मुनीर को सीडीएफ बनाए जाने को लेकर काफी टेंशन हैं.
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