Pakistan University Scandal: पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी में ड्रग्स, सेक्स और अश्लील वीडियो के वायरल होने का मामला सामने आया है। मामला बहावलपुर के इस्लामिया यूनिवर्सिटी से जुड़ा बताया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में नशीली दवाओं की बिक्री, स्टूडेंट्स और टीचर्स के यौन शोषण की खबर के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर सेक्स वीडियोज मिले हैं। कहा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में बनाए गए करीब 5000 से ज्यादा वीडियो वायरल हुए हैं।
पुलिस ने यूनिवर्सिटी के कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया है और कथित तौर पर उसके पास से ड्रग और कामोत्तेजक दवाएं बरामद की हैं, जबकि यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रमुख पर छात्रों और स्टाफ सदस्यों के आपत्तिजनक वीडियो रखने का आरोप है। जांच में गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन में अश्लील वीडियो के कई व्हाट्सएप चैट भी रिकवर किए गए हैं।
यूनिवर्सिटी के अधिकारी छात्रों और कर्मचारियों को कर रहे थे ब्लैकमेल
पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने दावा किया कि नशीली दवाओं के आरोप में गिरफ्तार किए गए विश्वविद्यालय के दो अधिकारी यूनिवर्सिटी के छात्रों और कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने और उनके यौन शोषण में शामिल थे।
यूनिवर्सिटी के कोषाध्यक्ष की गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से 10 ग्राम चरस (हशीश) बरामद हुई। इसके अलावा, उसके मोबाइल फोन में कई अश्लील वीडियो मिले हैं। मामले में कॉलेज के सुरक्षा अधिकारी एजाज हुसैन (सेवानिवृत्त मेजर) को भी गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्टों से पता चलता है कि अवैध व्यापार कई वर्षों से चल रहा है और आर्थिक रूप से कमजोर और कमज़ोर पृष्ठभूमि वाली लड़कियों को निशाना बनाया जाता था।
यूनिवर्सिटी का क्या दावा है?
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर अतहर महबूब ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) डॉ उस्मान अनवर को पत्र लिखकर आईजी से गिरफ्तारियों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच दल गठित करने का अनुरोध किया।
पत्र में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग के साथ-साथ यौन उत्पीड़न या शोषण के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का पालन कर रहा है। पत्र में कहा गया है कि अधिकारियों के खिलाफ मामले 'फर्जी' थे। उधर, पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) ने आईयूबी (इस्लामिया यूनिवर्सिटी बहावलपुर) घोटाले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का फैसला किया है, जिसमें तीन कुलपति और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पैनल को विस्तृत जांच करने और किसी भी उपलब्ध डिजिटल या फिजिकल सबूत और घटना से जुड़ी अन्य जानकारी समेत सभी प्रासंगिक सबूतों की जांच करने का काम सौंपा गया है।