पैसों के लिए इतना गिर गया पाकिस्तान! बेजुबानों का कत्ल करवा कमा रहा Dollars
Representative Image (Pixabay)
Trophy Hunting of Astor Markhor in Pakistan For Money : आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान पैसे कमाने के लिए कुछ भी कर रहा है। यहां के गिलगित बाल्टिस्तान में बेजुबान जानवरों के शिकार के लिए विदेशियों को न्योता दिया जा रहा है और इसके बदले लाखों रुपये लिए जा रहे हैं। शनिवार को अमेरिका के एक नागरिक ने पाकिस्तान में एक एस्टोर मार्खोर का शिकार किया था। यह घटना गिलगित बाल्टिस्तान के स्कर्दू में स्थित एसकेबी कम्युनिटी कंट्रोल हंटिंग एरिया की है। मौजूदा ट्रॉफी सीजन में यह दूसरी बार एस्टोर मार्खोर का शिकार हुआ है।
एस्टोन मार्खोर का शिकार करने वाले शख्स का नाम जोसेफ ब्रैडफोर्ड है। गिलगित बाल्टिस्तान वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के प्रवक्ता इलियास बलगारी के अनुसार जोसेफ ने शिकार करने के लिए विभाग को एक लाख 81 हजार डॉलर्स का भुगतान किया था। इससे पहले दो दिसंबर 2023 को बेल्जियम के रहने वाले जैन जेकब टी डैम्स ने एक एस्टोर मार्खोर का शिकार किया था। इसके लिए जेकब टी डैम्स ने विभाग को 1 लाख 77 हजार डॉलर का भुगतान किया था। उल्लेखनीय है कि यहां पर शिकार करने के लिए बाकायदा लाइसेंस दिए जाते हैं और उनकी बोली लगाई जाती है।
लाखों डॉलर्स में बिक रहा एक-एक लाइसेंस
गिलगित बाल्टिस्तान फॉरेस्ट, पार्क्स एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने एस्टोर मार्खोर के शिकार के लिए चार लाइसेंस की बोली लगाई थी। इनमें से एक लाइसेंस पर रिकॉर्ड एक लाख 86 हजार डॉलर की बोली लगी थी। 104 दुर्लभ प्रजातियों के शिकार के लिए परमिट की नीलामी 2023-24 के लिए ट्रॉफी हंटिंग प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर की गई थी। इसके तहत 4 लाइसेंस एस्टोर मार्खोर के लिए, 14 नीली भेड़ और 88 हिमालयन आइबेक्स के लिए हैं। बता दें कि इन दुर्लभ जानवरों का गिलगित बाल्टिस्तान के विभिन्न कम्युनिटी कंजर्वेशन इलाकों में शिकार करने की अनुमति रहती है।
सबसे महंगा लाइसेंस 1.85 लाख डॉलर का
एस्टोर मार्खोर के शिकार के लिए 4 लाइसेंस में से सबसे महंगा लाइसेंस 1 लाख 86 हजार डॉलर में बिका था। दूसरा लाइसेंस 1 लाख 81 हजार डॉलर, तीसरा 1 लाख 77 हजार डॉलर और चौथा 1 लाख 71 हजार डॉलर में बिका था। इसके अलावा नीली भेड़ का शिकार करने के लिए लाइसेंस का बेस प्राइस 9 हजार डॉलर और हिमालयन आइबेक्स के लिए 5500 डॉलर रहता है। अधिकारियों के अनुसार कमाई का 80 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय समुदायों के पास जाता है जिसका इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी विभिन्न विकास परियोजनाओं को बेहतर करने के लिए किया जाता है।
कम बर्फ ने धीमी की है शिकार की रफ्तार
वाइल्ड लाइफ अधिकारियों का कहना है कि इस साल शिकार की गति धीमी रही है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस साल बर्फ पर्याप्त नहीं गिरी है। अधिकारी ने बताया कि जब बर्फ गिरती है तो ये जानवर पहाड़ों से नीचे आते हैं। इस दौरान उनका शिकार करना काफी आसान हो जाता है। शिकारियों को गिलगित बाल्टिस्तान ट्रॉफी हंटिंग गाइडलाइंस 2019 का पालन करना होता है। इस सीजन की शुरुआत 1 नवंबर 2023 को हुई थी जो 25 अप्रैल 2024 तक चलेगा।
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