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Pakistan Ahmadi Mosque: पेशावर में ब्लास्ट के बाद अब कराची में मस्जिद पर हमला, मिनारों को तोड़ने का वीडियो वायरल

Pakistan Ahmadi Mosque: पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ घृणा की एक और घटना सामने आई है। शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों ने कराची में मस्जिद पर हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, कराची के हाशू मार्केट में स्थित मस्जिद पर हमला कर मिनारें तोड़ दी गई। बता दें कुछ दिनों पहले पेशावर में एक मस्जिद में […]

Pakistan Ahmadi Mosque: पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ घृणा की एक और घटना सामने आई है। शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों ने कराची में मस्जिद पर हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, कराची के हाशू मार्केट में स्थित मस्जिद पर हमला कर मिनारें तोड़ दी गई। बता दें कुछ दिनों पहले पेशावर में एक मस्जिद में ब्लास्ट हुआ था जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हेलमेट पहने अज्ञात व्यक्तियों को अहमदी मस्जिद की मीनारों को तोड़ने के बाद उन्हें भागते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हमलावर पाकिस्तान की इस्लामिक राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के थे। और पढ़िए –Chinese Spy Balloon: कनाडा और अमेरिका में आसमान में दिखा चीनी गुब्बारा, ड्रैगन पर जासूसी कराने का आरोप

अहमदिया समुदाय के मुसलमानों को किया जा रहा टारगेट

बता दें कि एक महीने में ये दूसरी घटना है। इससे पहले कराची में जमशेद रोड स्थित अहमदी जमात खाते की मीनारें तोड़ी गईं थी। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के मुसलमानों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में हमले के मामले बढ़े हैं। इस समुदाय के लोगों को घृणास्पद भाषण और हिंसा सहित व्यापक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने पंजाब प्रांत के वज़ीराबाद जिले में एक अहमदिया मस्जिद की बदहाली की कड़ी निंदा की थी और देश में ऐसे स्थानों की सुरक्षा का आह्वान किया था। एचआरसीपी के अनुसार, वजीराबाद प्रशासन को स्थानीय अहमदिया समुदाय को मुआवजा देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।

1974 से प्रताड़ित हो रहा है अहमदी मुस्लिम समुदाय

पाकिस्तान के अहमदी मुस्लिम समुदाय 1974 के बाद से लगातार व्यवस्थित भेदभाव, उत्पीड़न और हमलों का सामना कर रहा है। उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने एक संवैधानिक संशोधन पेश किया था, जिसने विशेष रूप से उन्हें गैर-मुस्लिम घोषित करके समुदाय को लक्षित किया था। और पढ़िए –Peshawar Mosque Blast: पेशावर मस्जिद विस्फोट पर तालिबान बोला- अपनी नाकामियों के लिए दूसरों को दोष न दे पाकिस्तान 1984 में जनरल जिया-उल-हक ने अध्यादेश पेश किया, जिसने मुसलमानों के रूप में खुद को पहचानने के अधिकार और अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने की स्वतंत्रता को छीन लिया था। और पढ़िए - दुनिया से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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