जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले को लेकर दुनियाभर का साथ भारत को मिल रहा है। इस मामले में विदेश मामलों पर गठित अमेरिकी सदन की बहुमत समिति ने कवरेज के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स की कड़ी आलोचना की है, जिसमें 28 लोग मारे गए थे। इनमें 26 पर्यटक शामिल थे और 2 लोग स्थानीय थे। प्रभावशाली कांग्रेस समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स की आलोचना की कि उसने अपराधियों को आतंकवादियों के बजाय 'उग्रवादी' और 'बंदूकधारी' कहा और इस भाषा को आतंकवाद के क्रूर कृत्य का गलत तरीके से बखान बताया है। समिति ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा कि @nytimes, हमने आपके लिए इसे ठीक कर दिया है। यह साफ तौर पर एक आतंकवादी हमला था।
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आतंकवाद के मामले में चाहे भारत हो या इजराइल, न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर रहा है। समिति संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश नीति और राजनयिक संबंधों, विदेशी सहायता, संधियों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों की देखरेख के लिए जिम्मेदार है। यह विदेश नीति और अमेरिकी विदेश विभाग और संबंधित एजेंसियों की निगरानी से संबंधित है। यह तीखी फटकार NYT के शीर्षक 'कश्मीर में उग्रवादियों (Militants) द्वारा 24 पर्यटकों की हत्या' के बाद आई, जिसने आतंकवादी हमले के बाद आक्रोश को जन्म दिया।
अमेरिका भारत के साथ
माना जा रहा है कि समिति की प्रतिक्रिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत के लिए मजबूत कूटनीतिक समर्थन के बाद आई है, जिन्होंने हमले की निंदा की और नई दिल्ली के साथ हरसंभव एकजुटता की पुष्टि की। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूरा समर्थन दिया है। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।
हमले की कड़ी निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में ट्रंप ने मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों के साझा संकल्प पर जोर दिया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया, पीएम मोदी को फोन कर अमेरिकी लोगों की ओर से सहानुभूति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की है। बता दें कि पोस्ट में समिति ने हेडलाइन में मिलिटेंट्स शब्द को हटाकर इसके स्थान पर टेरेरिस्ट्स लिख दिया है। साथ ही इस शब्द को बोल्ड और लाल रंग में कर दिया।
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