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नेपाल में जेन-Z प्रोटेस्ट पर पीएम ओली का बयान, नहीं देंगे इस्तीफा, जांच के लिए समीति का होगा गठन

Nepal GenZ Protests: नेपाल में जेन-जी प्रदर्शन शांत हुआ। सरकार ने बढ़ती हिंसक घटनाओं और नागरिकों की मौत के बाद देर रात ये फैसला लिया है कि सोशल मीडिया ऐप्स से बैन हटाए जाएंगे। हालांकि, पीएम ओली इस्तीफा देने के पक्ष में नहीं है। प्रदर्शन में अबतक कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है।

Nepal GenZ Protests: नेपाल में जेन-जी द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक घटनाओं और नागरिकों की मौत पर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सोशल मीडिया पर बैन लगाने के पक्ष में नहीं थी और इसके इस्तेमाल के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना चाहती थी। साथ ही, पीएम ओली ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन में निहित स्वार्थी तत्वों की घुसपैठ के कारण स्थिति बिगड़ी। उन्होंने घटना की पूरी जांच के लिए एक समिति गठित करने और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भरोसा दिलाया है।

चालु हुआ व्हॉटसएप और फेसबुक

नेपाल सरकार द्वारा 4 सितंबर को फेसबुक, यूट्यूब और व्हॉटसएप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। दरअसल, बैन लगाने के पीछे नेपाली सरकार का कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने सरकार द्वारा निर्धारित पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। मगर कल जेन-जी प्रोटेस्ट ने देश का माहौल ऐसा कर दिया कि पीएम ओली को देर रात आपात बैठक बुलानी पड़ी। मीटिंग के बाद सभी प्रतिबंधित एप्स से बैन हटा दिए गए हैं।

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पीएम ओली ने कही ये बात

सोमवार को इस आक्रामक हमले के बाद नेपाली पीएम ओली ने बयान जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। उन्होंने घटनाओं की जिम्मेदारी न लेते हुए कहा है कि हिंसा के लिए घुसपैठ करने वाले समूहों की जांच होगी। संचार, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री अभी कोई इस्तीफा नहीं देंगे।

न्यायिक समिती करेगी जांच

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने हिंसा और विरोध प्रदर्शन के लिए बाहरी तत्वों को जिम्मेदार माना है, उनका कहना है कि नेपाल का माहौल खराब करने की साजिश रची गई है। पीएम ने हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक समिति का गठन करने की घोषणा की है। यह समिति 15 दिनों के अंदर जांज कर रिपोर्ट पेश करेगी।

20 लोगों की मौत

जेन जी प्रोटेस्ट के चलते नेपाल में कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर कॉलेज और स्कूल के छात्र थे। इस प्रोटेस्ट में कुल 20 लोगों की मौत हुई है, जिनमें राजधानी काठमांडू के ही 17 लोग शामिल हैं और बाकि अन्य शहरों के। इसके अलावा, 300 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि, सरकार इन सभी का मुफ्त इलाज करेगी।

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