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आसमान में चमकेगा नकली तारा! क्या है NASA की प्लानिंग और इससे फायदा क्या? जानें सब कुछ

Artificial Star: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की तैयारी अब आसमान में एक नकली सितारा भेजने की है। सुनने में यह किसी साई-फाई फिल्म का प्लॉट लग सकता है मगर ये सच्चाई है। इस रिपोर्ट में जानिए नासा का यह मिशन क्या है, अंतरिक्ष में नकली सितारा स्थापित करने की जरूरत क्यों महसूस हुई और इससे क्या फायदा मिल सकता है?

Representative Image (Pixabay)
NASA To Launch Artificial Star : अगर आप शहर में रहते हैं तो सितारों भरा आसमान देखे हुए आपको भी लंबा समय हो गया होगा। लेकिन, जब आप अपने गांव या फिर घूमने के लिए पॉल्यूशन से दूर किसी हिल स्टेशन वगैरह पर जाते होंगे तो यह अद्भुत नजारा देखकर अलग ही आनंद आ जाता होगा। हालांकि, तारों भरा आसमान देखकर किसी के मन में भी यह विचार नहीं आया होगा कि एक और सितारा इसमें जोड़ दिया जाए। लेकिन, नासा की प्लानिंग कुछ ऐसा ही करने की है। अमेरिका की यह अंतरिक्ष एजेंसी इस दशक के अंत तक एक आर्टिफिशयल स्टार यानी नकली तारा लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। धरती से देखने पर कुछ सितारे तेजी से चमकते तो कुछ कम चमकते दिखाई देते हैं। ऐसा कई कारणों से होता है, मसलन वो कितने दूर हैं, किस तरह के तारे हैं और अपने जीवन काल के किस चरण में हैं। इन मानकों को अगर एकदम सही मापा जाए तो केवल तारों को देख कर यह जानने में मदद मिल सकती है कि दुनिया का विस्तार कितनी तेजी से हो रहा है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स के लिए यह जानना जरूरी है कि कोई तारा कितना चमकदार है। यहीं पर एक आर्टिफिशियल स्टार का होना काफी मददगार साबित हो सकता है। इन्हीं सब बातों और फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए नासा एक नकली तारा लॉन्च करने की प्लानिंग बना रही है।

जानिए इस मिशन के बारे में सब कुछ

नासा ने इस अभियान को लैंडोल्ट मिशन (Landolt Mission) नाम दिया है। एस्ट्रोनॉमर आर्लो लैंडोल्ट के नाम पर इस मिशन का नामकरण हुआ है और इसे साल 2029 में लॉन्च करने की तैयारी है। जानकारी के अनुसार इसे अमेरिका ऊपर ऑर्बिट में धरती से 35,785 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में एस्ट्रोनॉमी के असिस्टेंट प्रोफेसर जेमी टेयर के अनुसार इस मिशन के जरिए हमारा लक्ष्य यह जानने की कोशिश करना है कि क्या अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले बाकी ग्रहों पर भी महासागरों का अस्तित्व हो सकता है और क्या ऐसे ग्रहों पर जीवन की उत्पत्ति होने की कोई संभावना है?

वैज्ञानिकों को किस तरह मिलेगी मदद?

यह आर्टिफिशियल स्टार लॉन्चिंग के बाद अपने पहले साल के दौरान अमेरिका के ऊपर एक सिंक्रोनाइज्ड ऑर्बिट में रहेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार यह सितारा धरती पर टेलीस्कोप्स को फोटॉन्स का एक तय एमिशन रेट भेजेगा। यहां एस्ट्रोनॉमर्स आर्टिफिशियल स्टार को अंतरिक्ष के उस ऑब्जेक्ट के साथ ऑब्जर्व करेंगे जिसमें वह इंटेरेस्टेड हैं। इससे उन्हें उस ऑब्जेक्ट की ब्राइटनेस का आंकलन करने में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि यह मिशन सितारों के आस-पास उन स्थानों की पहचान कर सकेगा जहां जीवन के होने या उत्पत्ति की संभावना है। इसके अलावा यह मिशन एलियंस के अस्तित्व जैसे कई सवालों के जवाब भी दे सकता है। ये भी पढ़ें: जब इंसानों ने खोद दिया एवरेस्ट की ऊंचाई से भी ज्यादा गहरा गड्ढा! ये भी पढ़ें: यहां पेट भरने के लिए सैनिकों संग सेक्स करने को मजबूर महिलाएं! ये भी पढ़ें: क्या है Woke Mind Virus? एलन मस्क के बेटे को बना दिया बेटी! ये भी पढ़ें: बेहद जिद्दी पौधा, धरती ही नहीं मंगल पर भी कर सकता है सर्वाइव! 


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