Secrets Of Mount Kailash : तिब्बत के पठान में दूर-दूर से माउंट कैलाश का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है। बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म के लिए पवित्र स्थानव माने जाने वाले कैलाश पर्वत की चोटी पर आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है। यह पर्वत चोटी 6714 मीटर (22,028 फीट) ऊंची है। दुनिया के सबसे पवित्र पहाड़ों में से एक इस माउंट कैलाश को बौद्ध माउंट मेरु के नाम से जानते हैं तो हिंदू समुदाय इसे भगवान शिव का घर मानता है।
दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के कोने में स्थित इस पर्वत चोटी की यात्रा करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इसके बाद भी कोई व्यक्ति आज तक कैलाश पर्वत की चोटी पर कदम नहीं रख सका है। माना जाता है कि इसके पीछे की वजह एक दैवीय चेतावनी है। इसके अनुसार कहा जाता है कि पर्वत की चोटी पर पैर रखने से भगवान नाराज हो सकते हैं। इसीलिए कोई इस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश नहीं करता है।
वही चढ़ सकता है जिसने कभी...
ऐसा भी नहीं है कि किसी ने कभी इस पर चढ़ने की कोशिश नहीं की है। अंग्रेज सिविल सर्वेंट और पर्वतारोही ह्यू रटलेज एक बार बारतीय सेना के कर्नल आरसी विल्सन के साथ माउंट कैलाश की यात्रा पर गए थे। यहां उन्होंने इसकी चोटी पर पहुंचने की कोशिश भी की लेकिन भारी बर्फबारी के चलते वह सफल नहीं हो पाए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पर्वत की चोटी पर वही पहुंच सकता है जिसने कभी कोई पाप न किया हो।
हालांकि, तिब्बत की टूर ऑपरेटर कंपनी तिब्बत विस्टा के अनुसार माउंट कैलाश को फतेह करना इसलिए असंभव नहीं माना जाता क्योंकि मौसम बहुत खराब रहता है या देवता नाराज हो जाएंगे। इसके अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका ट्रेक बेहद मुश्किल फिजिकल चुनौतियों की मांग करता है। इस पर्वत का आकार एक पिरामिड जैसा है और लगातार बर्फबारी की वजह से इसकी चोटी पर पहुंचना लगभग असंभव हो जाता है।