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जब 40 साल के जिन्ना को हुआ 16 साल की रति से प्यार, रिश्ते से नाखुश पिता ने किया बेटी की मौत का ऐलान

वीरेंद्र कुमार बरनवाल की किताब 'जिन्ना एक पुनर्दृष्टि' (Jinna : Ek Punardrishti) में इस किस्से का जिक्र है, जो दिखाता है कि जिन्ना ने जो बेटी दीना के पारसी दामाद पर आपत्ति जताई, वही खुद पारसी ससुर की नाराजगी झेली.

भारत में एक तरफ जहां क्रिसमस के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपायी और भारत रत्न मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर पड़ोसी मुल्क में भी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती मनाई गई.भारत विभाजन के आर्किटेक्ट मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म भी 25 दिसंबर को हुआ था, जिनका निजी जीवन उतने ही विरोधाभासों से भरा था जितना उनका राजनीतिक सफर.

अधेड़ जिन्ना को 16 साल की लड़की से हुआ प्यार


शुरू में राष्ट्रवादी नेता बने जिन्ना ने बाद में इस्लाम के नाम पर देश तोड़ा, लेकिन अपनी जिंदगी में खुद पारसी लड़की रति बाई से शादी रचा ली, जबकि उम्र में 24 साल का फासला था. जिन्ना की पहली शादी 16 साल की उम्र में एमिबाई से हुई थी. एमिबाई के जल्दी निधन हो जाने पर जिन्ना फिर इंग्लैंड लौटे तो राजनीति में डूब गए. इस दौरान 40 की उम्र पार करते ही पारसी बिजनेसमैन सर दिनशा पेटिट की 16 साल की बेटी रति पर उनका दिल आ गया.

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पिता ने लगा दिया था मिलने रोक


जिन्ना को लगता था कि उदारवादी दिनशा सर्वधर्म भाव रखते हैं, इसलिए उन्होंने बेटी का हाथ मांग लिया. लेकिन दिनशा को ये रिश्ता बिल्कुल पसंद नहीं था. वो जिन्ना और रति के रिश्ते से भड़क गए और न सिर्फ मिलना बंद कर दिया, बल्कि अदालत जाकर पारसी कानून का हवाला देकर रति को विवाह के फैसले लेने के अयोग्य घोषित करवा दिया. दो साल की जद्दोजहद के बाद 20 फरवरी 1918 को रति ने जन्मदिन के दिन ही जिन्ना से शादी कर ली, इस्लाम अपनाकर मरियम बन गईं.

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पिता ने किया बेटी की मौत का ऐलान


इस बात से खफा दिनशा पेटिट ने अखबारों में बेटी की मौत की खबर छपवा दी और मृत्यु तक कोई रिश्ता नहीं रखा. वीरेंद्र कुमार बरनवाल की किताब 'जिन्ना एक पुनर्दृष्टि' (Jinna : Ek Punardrishti) में इस किस्से का जिक्र है, जो दिखाता है कि जिन्ना ने जो बेटी दीना के पारसी दामाद पर आपत्ति जताई, वही खुद पारसी ससुर की नाराजगी झेली. ये घटना जिन्ना के व्यक्तित्व की जटिलता उजागर करती है, जहां प्रेम ने सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ा, लेकिन परिवार टूट गया.


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